मात्र कुछ महीने पहले तक भारत में कोविड-19 के टीकों की इतनी कमी थी कि कंप्यूटर विशेषज्ञों ने लोगों को टीकाकरण का सीमित संख्या में उपलब्ध स्लॉट हासिल कराने में मदद के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया था और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री को सोशल मीडिया पर लगातार विपक्षी आलोचनाओं से जूझना पड़ा था। बाद में मंत्री ने इस्तीफा दे दिया और कुछ कम विख्यात, लेकिन व्यावहारिक-क्रियाशील राजनेता मनसुख मांडविया ने पद संभाला, जो उनके एक करीबी व्यक्ति के अनुसार, लगभग हर रोज टीका उत्पादकों के साथ बातचीत करते हैं और उनकी समस्याओं को तुरंत हल करने का प्रयास करते हैं।
टीका आपूर्ति बढ़ चुकी है। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि वे दिसंबर तक लगभग सभी वयस्कों की पूरी तरह से प्रतिरक्षा के लिए आश्वस्त हैं, जिससे अक्टूबर तिमाही में टीका निर्यात को धीरे-धीरे फिर से शुरू करने की घोषणा करने का विश्वास मिला है। अप्रैल के बाद से पहली बार ऐसा हुआ है, क्योंकि उस समय संक्रमण की दूसरी लहर से अस्पताल भर गए थे। इससे टीका साझा करने वाले वैश्विक कार्यक्रम – कोवैक्स को गति देने में मदद मिलेगी, जो आपूर्ति की समस्याओं और भारत के निर्यात प्रतिबंधों के बाद इस वर्ष दो अरब खुराकों की डिलिवरी के अपने वादे से काफी पीछे है।
गावी टीका गठबंधन, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और सीईपीआई के साथ इस कार्यक्रम को प्रायोजित करता है, ने इस महीने कोवैक्स के आपूर्ति लक्ष्य को लगभग 30 प्रतिशत तक घटाकर 1.425 अरब खुराक कर दिया है। गावी के प्रवक्ता ने सोमवार को निर्यात घोषणा के संबंध में रॉयटर्स को बताया कि इससे भारत में और साथ ही वैश्विक स्तर पर भी स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर सकारात्मक प्रभाव पैदा हो सकता है।
उन्होंने कहा ‘फिलहाल हमारी प्राथमिकता भारत सरकार और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के साथ जुडऩा है, ताकि यह समझ सकें कि इसका हमारे आपूर्ति कार्यक्रम पर क्या प्रभाव पड़ेगा।’
स्थिति में इस बदलाव का श्रेय मुख्य रूप से एसआईआई को जाता है, जो सरकार की सबसे आशावान योजना की तुलना में एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 के इंजेक्शन की अधिक खुराकों का इजाफा कर रही है। एक सरकारी सूत्र ने अपनी पहचान बताने से इनकार करते हुए कहा कि एसआईआई पिछले महीने की 15 करोड़ खुराक के मुकाबले इस महीने सरकार को ब्रांडेड कोविशील्ड की 20 करोड़ खुराक की आपूर्ति करेगी।
सरकार ने मई में कहा था कि अगस्त और दिसंबर के बीच कोविशील्ड का उत्पादन 75 करोड़ खुराक तक पहुंच सकता है, लेकिन इस संबंध में प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले दो अन्य सूत्रों ने कहा कि वास्तविक उत्पादन 90 करोड़ से अधिक हो सकता है। इनमें से एक सूत्र ने कहा ‘कंपनी ने नई लाइनें (प्रोडक्शन लाइन) जोड़ी हैं, कुछ अन्य टीकों के लिए किसी लाइन का रुख मोडऩे के लिए जल्द मंजूरी मिल गई है।’
सूत्र के अनुसार अब इसके पास कोविशील्ड बनाने वाली पांच प्रोडक्शन लाइन हैं, जो अप्रैल की केवल दो लाइन से अधिक है। सूत्र ने कहा कि एसआईआई का मासिक उत्पादन 21.5 करोड़ खुराक तक जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय और एसआईआई से टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत कोई जवाब नहीं मिला।
भारत के पहले घरेलू स्तर पर विकसित इंजेक्शन-कोवैक्सीन की उत्पादक भारत बायोटेक ने रॉयटर्स को बताया कि उसका मासिक उत्पादन वर्ष के अंत तक लगभग तीन गुना बढ़कर 10 करोड़ खुराक तक पहुंच जाएगा।
