हाल में नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित एक शोध पत्र के मुताबिक भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके कोवैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के छह महीने बाद तीसरी खुराक, कई सार्स-कोव-2 स्ट्रेन (अल्फा, बीटा, डेल्टा, डेल्टा प्लस और ओमीक्रोन और मेमरी बी-सेल प्रतिक्रिया) से बचाव के लिए उन्हें निष्प्रभावी करने वाली एंटीबॉडी प्रतिक्रिया बढ़ा देती है।
भारत बायोटेक ने कहा कि इस अध्ययन ने टीके के कई फायदे बताए हैं, मसलन दीर्घावधि की प्रतिरोधक क्षमता, बूस्टर खुराक की सुरक्षा और स्पाइक प्रोटीन, एन प्रोटीन से बचाव की प्रतिरोधक क्षमता तैयार होने और अल्फा, बीटा, डेल्टा, डेल्टा प्लस और ओमीक्रोन स्वरूप से बचाव में ऐंटीबॉडी प्रतिक्रिया को निष्प्रभावी करना आदि।
कंपनी ने बुधवार को कहा, ‘दो खुराक वाले टीकाकरण के छह महीने बाद तीसरी खुराक लगाने से एक ही वंशावली वाले वायरस के स्वरूप या मिश्रित स्वरूप वाले स्ट्रेन से बचाव के लिए उसे निष्प्रभावी करने की एंटीबॉडी प्रतिक्रिया नाटकीय रूप से बढ़ गई। इसके साथ ही मेमरी बी सेल प्रतिक्रिया भी बढ़ गई।’
कोवैक्सीन वाली टी-सेल या मेमरी सेल की प्रतिक्रिया छह महीने रहती है, इसके बाद ऐंटीबॉडी में कमी आती है। कंपनी ने कहा, ‘टीका लगा चुके लोगों जिन्हें तीसरी खुराक मिली हो या न मिली हो लेकिन यह टी-सेल प्रतिक्रिया 12 महीने तक देखी जा सकती है। ऐंटीजेन की चपेट में दोबारा आने पर टी-सेल प्रतिक्रिया से बी-सेल मेमरी प्रतिक्रिया बनाने में मदद मिलती है।’
