अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की बढ़ती कीमतों की वजह से घाटा उठा रहीं तेल कंपनियों को अब सरकार से भी राहत मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है।
दरअसल, वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को पेट्रोलियम मंत्रालय की 44,000 करोड़ रुपये के तेल बॉन्ड जारी करने की मांग को ठुकरा दिया है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के कारण पिछले वित्त वर्ष में तेल कंपनियों को 77, 000 करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई के लिए वित्त मंत्रालय से तेल बॉन्ड जारी करने की मांग की थी।
पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने कहा कि हमने सरकार से 57.1 फीसदी तेल बॉन्ड जारी करने की मांग की, लेकिन वित्त मंत्रालय इसके लिए तैयार नहीं है। दरअसल, मंत्रालय का कहना है कि सरकार इतनी बड़ी राशि के लिए बॉन्ड जारी नहीं कर सकती है। ऐसे में सरकार से कहा गयाा है कि जितना संभव हो, उतनी राशि का तेल बॉन्ड जारी करें, ताकि तेल कंपनियों के नुकसान की कुछ हद तक भरपाई हो सके।
पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोतरी के बारे किए पूछे जाने पर, देवड़ा ने कहा कि यह नीतिगत मामला है और इसके बारे में मंत्रिमंडल ही निर्णय कर सकता है। अतिरिक्त पेट्रोलियम सचिव एस. सुंदरेसन ने कहा कि तेल विपणन कंपनियों की परेशानियों के बारे में वित्त मंत्री को बताया गया। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2007-08 में तेल विपणन कंपनियों को 77, 000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
पिछले सप्ताह पेट्रोलियम सचिव एम. एस. श्रीनिवासन ने कहा था कि तेल की कीमत बहुत अधिक है और भारत को 73 फीसदी तेल आयात करना पड़ता है। इससे तेल कंपनियों की लागत बढ़ रही है, जिसका भार कंपनियां लंबे समय तक वहन नहीं कर पाएंगी।
हालांकि पेट्रोलियम मंत्री तेल की कीमत बढ़ने से इनकार कर रहे हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि ऐसी स्थिति में तेल की कीमतें कुछ बढ़ सकती है। जाहिर है, सरकार की इस तकरार का खामियाजा तेल कंपनियों के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी भुगतना पड़ सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से तेल कंपनियों को करीब 77,000 करोड़ रुपये का घाटा
घाटे की भरपाई के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय ने 57.1 फीसदी तेल बॉन्ड जारी करने की मांग की
वित्त मंत्रालय मांगे गए 44 हजार करोड़ रुपये जितनी बड़ी राशि के बॉन्ड जारी करने को तैयार नहीं
ऐसी स्थिति में पेट्रोलियम मंत्री के इनकार के बावजूद पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी के आसार