सरकार की ओर से सोमवार को 57 तेल और गैस उत्खनन ब्लॉक से संबंधित नेल्प के सातवें दौर की नीलामी आयोजित की गई। इसमें 99 वैश्विक और घरेलू कंपनियों की ओर से 181 बोलियां प्राप्त हुईं।
इससे करीब 120 अरब रुपये के निवेश का अनुमान है। जिन कंपनियों ने बोली में हिस्सा लिया, उनमें ओएनजीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एस्सार, जीवीके, बीपी और बीएचपी बिलिटन शामिल हैं। खास बात यह कि बीएचपी बिलिटन और ब्रिटिश पेट्रोलियम ने पहली बार इस बोली में हिस्सा लिया, जबकि ब्रिटिश गैस, जिसे नेल्प-6 के दौरान एक ब्लॉक मिला था, उसने भी इस बार फिर से बोली लगाई है।
9 अंतरराष्ट्रीय कंपनियां, जो पिछली बोली में हिस्सा नहीं ले सकी थीं, उन्होंने भी इस बार बोली लगाई है। हाइड्रोकार्बन के डायरेक्टर जनरल वी. के. सिब्बल ने बताया कि नई उत्खनन लाइसेंसिंग नीति (नेल्प) के तहत जिन 57 ब्लॉक की पेशकश की गई थी, उनमें से 12 ब्लॉक के लिए कोई बोली नहीं लगाई गई। हालांकि लगभग सभी ब्लॉकों के लिए एक से ज्यादा कंपनियों ने बोली लगाई है और दो छोटे ब्लॉकों के लिए तो 17 कंपनियों ने बोली लगाई है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री दिनशा पटेल ने कहा कि बोली पर फैसला 31 अगस्त 2008 तक किया जाएगा।
खास बात यह कि छोटे ब्लॉकों (एस टाइप) में कंपनियों ने सबसे ज्यादा रुचि दिखाई है। कुल 181 बोलियों में से 106 बोली छोटे ब्लॉकों के लिए ही लगाई गई है। सिब्बल ने बताया कि इन छोटे ब्लॉकों के लिए कंपनियों के पास तेल-गैस उत्खनन का पहले से अनुभव होना जरूरी नहीं था। यही वजह है कि कई ऐसी कंपनियों ने भी बोली में हिस्सा लिया, जिन्होंने इस क्षेत्र में पहले काम नहीं किया है। सरकार ने नेल्प के तहत सातवें दौर की नीलामी को दो बार आगे बढ़ाया था। उल्लेखनीय है कि तेल और गैस उत्पादन के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से कर छूट की भी मांग की है।
57 ब्लॉकों में से 45 ब्लॉकों के लिए बोलियां प्राप्त हुईं
99 कंपनियों ने रिकॉर्ड 181 बोलियां लगाईं
106 बोलियां ऐसी कंपनियों से, जिन्हें तेल-गैस उत्खनन का अनुभव नहीं
ओएनजीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एस्सार ने भी लिया हिस्सा
किसे मिलेगा ब्लॉक, 31 अगस्त को होगा फैसला