कोविड-19 टीकाकरण के पहले चरण की शुरुआत के एक महीने के अंदर 85 लाख से अधिक लोगों को टीका लगाया जा चुका है। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने संकेत दिया है कि कोविड-19 टीका फिलहाल खुले बाजार में उपलब्ध नहीं होगा क्योंकि सरकार सख्त तकनीकी प्रोटोकॉल तथा राष्ट्रीय टीकाकरण की जिम्मेदारी को लेकर कोई चूक नहीं होने देना चाहती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वद्र्घन ने आज कहा, ‘कोविड टीके को आपात उपयोग की मंजूरी मिली है और यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस दौरान सबकुछ अपने नियंत्रण में रखे। यही वजह है कि टीके को फिलहाल खुले बाजार से नहीं खरीदा जा सकता है। अगर कोई गलत उत्पाद बाजार में आ गया तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा?’ भारत में टीकाकरण के अगले चरण में 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को मार्च में टीका लगाया जाएगा। इस चरण के लिए टीके पर गठित विशेषज्ञ समूह पूरी प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में लगा है। इसमें इस पर निर्णय होगा कि टीका मुफ्त में उपलब्ध कराया जाए या उसके लिए कोई कीमत तय की जाए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं हुआ है। विशेषज्ञ समूह द्वारा अगले 27 करोड़ लोगों को लेकर रणनीति पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।’
दो टीकों को मिली आपात उपयोग की मंजूरी को निमित बाजार मंजूरी में बदलने की संभावना के बारे में पूछने पर हर्ष वद्र्घन ने कहा, ‘इसके लिए समुचित समय पर निर्णय किया जाएगा। दुनिया भर में टीका अभी आपात उपयोग के लिए ही उपलब्ध है।’ उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की है और इस मामले में उनकी प्रतिक्रिया मांगी है। सरकार अभी 1 करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों और 2 करोड़ अंग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के टीकाकरण का खर्च वहन कर रही है।
वित्त मंत्रालय ने इस आश्वासन के साथ कोविड टीकाकरण के लिए 35,000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे कि आवश्यकतानुसार अधिक धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि स्वास्थ्य पर होने वाला व्यय 2019-20 में जीडीपी के 1.5 प्रतिशत से बढ़कर 2020-21 में 1.8 प्रतिशत हो गया है। पहले से कोई बीमारी वाले लोगों के टीकाकरण के लिए विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा अभी अंतिम रूप दिया जाना शेष है।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि अब तक कोविड-19 टीके से जुड़ी कोई गंभीर या प्रतिकूल घटना या मृत्यु नहीं हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘छोटी से छोटी प्रतिकूल घटनाओं को भी दर्ज किया जा रहा है। टीके के कारण किसी की भी मृत्यु नहीं हुई है। यहां तक कि टीके के पहले से बताए जा रहे दुष्प्रभाव भी बहुत नगण्य हैं। मैं इस देश के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि लगाए जा रहे टीके सुरक्षित और प्रतिरक्षात्मक है।’
स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वद्र्घन ने कहा, ‘हमने देखा कि मास्क पहनने के कारण कई अन्य संक्रमण कम हो गए हैं।’
