मंदी के भंवर में फंसकर डूबती रियल एस्टेट कंपनियों को मिडिल क्लास ही अब तिनके का सहारा नजर आ रहा है।
यही वजह है कि देश की ज्यादातर नामचीन कंपनियों ने एक के बाद एक लग्जरी यानी महंगे मकानों का मोह छोड़कर किफायती मकानों की ओर रुख कर लिया है।
चंद दिनों पहले जैसे ही सरकार ने 20 से 30 लाख रुपये के होम लोन की ब्याज दरों को कम किये जाने का ऐलान किया तो मानों इन कंपनियों में इस डगर पर चलने की होड़ ही मच गई।
डीएलएफ, यूनीटेक, पार्श्वनाथ, और ओमेक्स जैसी बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों ने एक के बाद एक ताबड़तोड़ ऐलान कर दिया कि वे जल्द ही बड़े पैमाने पर अफोडर्बल हाउसिंग की नई परियोजनाओं को शुरू करने वाली हैं। इसके पीछे इन कंपनियों की दलील है कि हाईएंड में मांग से ज्यादा आपूर्ति हो जाने से मंदी उत्पन्न हो गई थी।
बढ़ी हुई ब्याज दरों ने भी मंदी के घाव पर नमक छिड़कने का काम किया था। ऐसे में बाजार को दोबारा मजबूत करने के लिए अफोडर्बल हाउसिंग रियल एस्टेट के लिए डूबते का सहारा बन सकती है। इसके लिए रियल्टी कंपनियां अपनी हाईएंड परियोजनाओं को रोककर अफोडर्बल हाउसिंग की हिस्सेदारी को भी बढ़ा रही हैं।
इस बाबत पार्श्वनाथ के अध्यक्ष प्रदीप जैन का कहना है कि पहले हाईएंड मकानों की मांग ज्यादा थी। रियल एस्टेट कंपनियां भी ऐसी ही परियोजनाओं में निवेश कर रही थीं। लेकिन अफोडर्बल हाउसिंग भी हमारे लिए कम मुनाफेदार नहीं होगी।
पहले हम उपभोक्ता की मांग के हिसाब से ही हाईएंड परियोजनाओं को ला रहे थे। ऐसी परियोजनाओं में स्वीमिंग पूल, गोल्फ कोर्स,वाई-फाई तकनीक से लेकर हर तरह की अत्याधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था की गई थी। लेकिन अब उपभोक्ता अफोडर्बल हाउसिंग की मांग कर रहा है तो हम इसके लिए भी तैयार हैं।
हम अपनी अफोडर्बल हाउसिंग की नई परियोजनाओं की जल्द ही घोषणा करेंगे। पार्श्वनाथ में अफोडर्बल हाउसों की कीमतों के जवाब में जैन ने बताया कि मकानों की कीमतें 22 से 60 लाख रुपये के बीच होगीं।
यही हाल यूनीटेक और डीएलएफ का भी है। यूनीटेक के प्रवक्ता ने बिानेस स्टैंडर्ड को बताया कि हमारी कंपनी भी नोएडा, ग्रेटर नोएडा, चैन्नई, कोलकाता और गुड़गांव में अफोडर्बल हाउसिंग परियोजनाओं को ला रही है। इन परियोजनाओं में मकानों की कीमत 35 से 50 लाख रुपये होगी।
उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी की अभी तक की परियोजनाओं में अफोडर्बल हाउसिंग की हिस्सेदारी केवल 20 फीसदी ही थी। लेकिन सरकार द्वारा 20 से 30 लाख के होम लोन की ब्याज दरों में छूट दिये जाने के बाद इसकी हिस्सेदारी 70 फीसदी हो जाएगी।
डीएलएफ के प्रवक्ता का कहना है कि उनकी कंपनी भी देश के अलग-अलग राज्यों में दर्जन भर से ज्यादा अफोडर्बल हाउस की परियोजनाओं को ला रही है। इनमें मकानों की कीमत 30 लाख रुपये से लेकर 60 लाख रुपये तक है।
ओमेक्स के अध्यक्ष रोहतास गोयल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस समय भारत में करीब 2.5 करोड़ अफोडर्बल हाउसों की कमी है।
इसलिए ओमेक्स ने आने वाले पांच सालों के भीतर 3 से 20 लाख रुपये की कीमतों वाले लगभग 1,00,000 अफोडर्बल हाउसों को बनाने की घोषणा की है।
इसके लिए ओमेक्स ने नेशनल अफोडर्बल हाउसिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एनएएचई)नाम की एक कंपनी भी स्थापित की है।
मिडिल क्लास बना डूबते का सहारा
डीएलएफ, यूनीटेक, पार्श्वनाथ और ओमेक्स ने किया कई राज्यों में बड़े पैमाने पर किफायती मकान बनाने का ऐलान
लग्जरी मकानों को बनाने से हुई बुरी हालत से उबरने के लिए रियल एस्टेट कंपनियों ने अपनाया नया नुस्खा