गैर जीवन बीमा उद्योग के प्रीमियम में जून में 21 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। निजी क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों व एकल स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं की इसमें प्रमुख भूमिका रही है। अप्रैल-जून तिमाही (वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाही) में उद्योग का प्रीमियम 54,492 करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 23 प्रतिशत ज्यादा है।
जून में गैर जीवन बीमाकर्ताओं का सकल प्रत्यक्ष प्रीमियम, जिसमें जनरल इंश्योरेंस, स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरेंस और विशेषीकृत बीमा शामिल होता है, 17,810.51 करोड़ रुपये रहा है।
जनरल इंश्योरेंस में मोटर, हेल्थ, फसल आदि का कारोबार शामिल होता है, जिसके प्रीमियम में 19.93 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और यह जून में 15,638.72 करोड़ रुपये रहा है। इसी तरह से 5 एकल स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं के प्रीमियम में 32.85 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह 2,004.77 करोड़ रुपये रहा है। निजी क्षेत्र के बड़े बीमाकर्ताओं में आईसीआईसीआई लोंबार्ड जनरल इंश्योरेंस निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी जनरल इंश्योरेंस करने वाली कंपनी है। जून में इसके प्रीमियम में 54 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वहीं बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस का प्रीमियम इस अवधि के दौरान 13 प्रतिशत बढ़ा है।
इसी तरह से एचडीएफसी अर्गो और रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के प्रीमियम में क्रमशः 24.5 प्रतिशत और 21 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जबकि टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस के प्रीमियम में 35.84 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में ओरिएंटल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के प्रीमियम में जून में दो अंक की वृद्धि हुई है, जबकि नैशनल इंश्योरेंस का प्रीमियम इस दौरान घटा है।
न्यू इंडिया एश्योरेंस सबसे बड़ी जनरल इंश्योरेंस कंपनी है, जिसकी इस अवधि के दौरान वृद्धि स्थिर रही है। तिमाही के दौरान जनरल बीमाकर्ताओं के प्रीमियम में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 22.73 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।