कंपनियों के दफ्तरों में अमूमन हर साल इस वक्त तोहफों की भरमार रहती है और दीवाली का अहसास रहता है। कंपनी जगत में सुंदर सजीले तोहफों से लेकर सिंगल माल्ट स्कॉच, सोने के सिक्के, उम्दा चॉकलेट, लक्जरी घड़ी जैसे उपहार लिए-दिए जाते रहे हैं, जिनकी तैयारी दीवाली से कुछ महीने ही शुरू हो जाती है। मगर इस बार कोरोना महामारी के कारण यह नजारा एकदम गायब हो गया है। दफ्तर सूने पड़े हैं, ज्यादातर लोग घरों से काम कर रहे हैं और कंपनियां भी हाथ रोककर खर्च कर रही हैं।
गुरुग्राम में एक मीडिया इन्वेस्टमेंट फर्म के एक अधिकारी ने बताया कि दीवाली से पहले के हफ्ते में ग्राहकों को कोई उपहार नहीं भेजा गया है। उन्होंने बताया कि एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) से खरीद करने वाली एक विमानन कंपनी ने कह दिया है कि इस बार वह उपहार देने की हालत में ही नहीं है। उसके बजाय उसने ईमेल कर मीडिया में उस एनजीओ का प्रचार करने की गुजारिश की है।
इमेज गुरु के दिलीप चेरियन ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस बार अलग-अलग क्षेत्रों की कंपनयिों के उपहारों में फर्क दिख रहा है। महामारी के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाली सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों ने भी इस बार उपहार के लिए कोई बजट नहीं रखा है, जबकि आम तौर पर वे महंगे उपहार देती हैं। एफएमसीजी कंपनियां अपने कर्मचारियों को गिफ्ट हैंपर देती रही हैं मगर इस बार उन्होंने भी इसका बजट आधा कर दिया है। चेरियन ने बताया कि इस बार तोहफों में सेहतमंद उत्पाद देने का चलन भी बढ़ा है और कंपनियां शुगर-फ्री उत्पादों को तवज्जो दे रही हैं।
कोविड-19 के बीच सब कुछ डिजिटल हो रहा है तो कंपनियां भी त्योहार के लिए डिजिटल गलियों में घूम रही हैं। नेस्ले इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी अपने कर्मचारियों को ई-गिफ्ट वाउचर देने की गुंजाइश खंगाल रही है ताकि वे अपनी पसंद का तोहफा खरीद सकें। पेप्सिको ने हाल ही में वर्चुअल फेस्टिव फैमिली डे का आयोजन किया, जिसमें संगीत, स्टैंड अप कॉमेडी और वर्चुअल दीवाली मेले का इंतजाम था। कंपनी ने कर्मचारियों को फैमिली मील भी भेजा। पेप्सिको के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारा मकसद हम से जुड़े लोगों को त्योहारों के दौरान अनूठे तरीके से शुभकामनाएं देना था। इसलिए हमने जाने-माने सेलेब्रिटीज के साथ कार्यक्रम किया।’
उपहार से जुड़ी कंपनियों के लिए वित्त वर्ष की शुरुआत नरम रही मगर त्योहारी मौसम में उनका कारोबार जोर पकड़ रहा है। फन्र्स एन पेटल्स का कारोबार साल भर पहले के मुकाबले 20 फीसदी बढ़ रहा है। कंपनी के ग्राहकों में आईटी, स्वास्थ्य सेवा, बैंकिंग, वित्त्ीय सेवा और औषधि क्षेत्र की कंपनियां शामिल हैं। फन्र्स एन पेटल्स के मुख्य परिचालन अधिकारी मनीष सैनी ने कहा कि इस साल की पहली तिमाही में वृद्घि नकारात्मक रही मगर दूसरी तिमाही में कारोबार करीब 10 फीसदी बढ़ा है और स्थिति सुधरने की वजह से इस तिमाही की शुरुआत भी अच्छी रही है। दीवाली की वजह से कारोबार में करीब 80 फीसदी इजाफा हुआ है।
कंपनी को उम्मीद है कि त्योहारी मौसम के अंत तक उसे करीब 10,000 कॉर्पोरेट ऑर्डर मिल सकते हैं। सैनी ने कहा, ‘सबसे ज्यादा बिकने वाले उपहारों में खाने-पीने का सामान और पर्यावरण के अनुकूल उपहार शामिल हैं।’
लॉकडाउन के बाद से ऑनलाइन खरीदारी में बढ़ोतरी हुई जिससे ई-कॉमर्स कंपनियों को खरीदारों को आकर्षित करने का मौका मिला जिसमें कॉरपोरेट उपहार जैसे विकल्प शामिल हैं। कंपनी के एक प्रवक्ता का कहना है, ‘यह त्योहारी सीजन अलग रहा है इसलिए एमेजॉन ने अपने गिफ्टिंग स्टोर में बदलाव किया है ताकि ग्राहकों के लिए उपहार भेजना आसान हो जाए।’ इस सीजन में पिछले साल की तुलना में एमेजॉन पे गिफ्ट कार्ड का विकल्प चुनने वाली कंपनियों की संख्या दोगुनी हो गई। प्रवक्ता ने कहा, ‘कंपनियों के बीच अन्य सामानों की तुलना में ई-गिफ्ट कार्ड का विकल्प चुनने का रुझान बढ़ा है क्योंकि मिठाई, सोना या किसी और सामान से संपर्क की संभावना बढ़ जाती है जिससे संक्रमण का खतरा है। ई-गिफ्ट कार्ड भी डिलिवरी करने में प्रबंधन की परेशानी कम कर देते हैं। इससे कर्मचारी और कंपनियां दोनों ही सुरक्षित होती हैं।’
हालांकि कंपनियों द्वारा उपहार देने से कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त करने का एक बेहतर तरीका होता है और इससे कंपनियों की छवि पर भी असर पड़ता है। चेरियन कहते हैं, ‘इस साल कोई असर नहीं होना चाहिए क्योंकि सामान्य तौर पर सबकी उम्मीदें कम हैं और जिनको उपहार मिलेगा वास्तव में उन्हें हैरानी ही होगी।’ इसके अलावा, महामारी और लॉकडाउन के कारण कंपनियां बड़े उपहार नहीं देना चाहती हैं।
