अगले साल जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उनमें कोविड-19 के हालात का आकलन करने के कुछ दिन बाद निर्वाचन आयोग ने उनसे कोविड टीकाकरण अभियान को तेज करने और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि चुनाव ड्यूटी पर लगाए गए लोगों ने दोनों खुराक लगवा रखी हों। सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब के मुख्य सचिवों को लिखे हालिया पत्र में आयोग ने पांचों राज्यों को यह भी याद दिलाया कि मतदान कर्मी अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले कर्मियों में आते हैं और उन्हें कोविड टीके की तीसरी या अतिरिक्त खुराक दी जा सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कुछ दिन पहले यह बात कही थी।
सूत्रों ने बताया कि आयोग ने कहा कि इन राज्यों में जिन चुनाव कर्मियों को तैनात किया जाता है उन्हें कोविड टीके की दोनों खुराक लगी होनी चाहिए और जो दूसरी खुराक के पात्र हों, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर दूसरी खुराक लगवानी चाहिए। उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल मई में समाप्त होगा, वहीं गोवा, मणिपुर और पंजाब विधानसभाओं के कार्यकाल मार्च में अलग-अलग तारीखों पर समाप्त होने वाले हैं। आयोग इस महीने के पहले पखवाड़े में पांच राज्यों में चुनावों की तारीख का ऐलान कर सकता है।
अस्थायी तौर पर बायोमेट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था बंद
कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए केंद्र ने सोमवार को अपने सभी कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था 31 जनवरी तक के लिए बंद कर दी। कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह निर्णय सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के मद्देनजर लिया गया है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘बीते कुछ दिन में कोविड के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करवाने की व्यवस्था अगले आदेश तक के लिए तत्काल निलंबित की जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह निर्णय सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की दृष्टि से लिया गया है।’ कार्मिक मंत्रालय की ओर जारी आदेश में कहा गया कि सभी कर्मचारियों को उपस्थिति रजिस्टर में अपनी हाजिरी दर्ज करनी होगी।
