केंद्र सरकार कोविड-19 की रोकथाम के लिए लगाए जा रहे कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच अंतर कम करने की मंजूरी दे सकती है। सूत्रों ने बताया कि सरकार निजी अस्पतालों एवं क्लिनिक में भुगतान कर कोविशील्ड के टीके लगवाने वाले लोगों को दूसरी खुराक चार हफ्ते के बाद देने का निर्णय कर सकती है। फिलहाल कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच 12 हफ्ते से लेकर 16 हफ्ते का अंतर रखा जा रहा है।
कुछ दिन पहले केरल उच्च न्यायालय ने स्वास्थ्य मंत्रालय के टीका बुकिंग प्लेटफॉर्म में बदलाव करने का निर्देश देते हुए कहा था कि अपनी पसंद का टीका लगवाने के लिए भुगतान करने को तैयार लोगों को यह सुविधा मिलनी चाहिए। एक सूत्र ने कहा कि उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद इसे लागू करना होगा। उन्होंने कहा, ‘हालांकि सरकार की तरफ से चलाए जा रहे सार्वजनिक टीकाकरण कार्यक्रम में दोनों खुराकों के बीच 12 हफ्ते का अंतर बना रहेगा।’ भारत ने एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोविशील्ड टीके की दोनों खुराक के बीच अंतर को मई महीने में बढ़ाकर 12-16 हफ्ते कर दिया था। इसके पीछे सोच यह थी कि अधिक-से-अधिक लोगों को टीके की कम-से-कम एक खुराक लग जाए ताकि उन्हें महामारी के गंभीर लक्षणों से सुरक्षा मिल सके।
एस्ट्राजेनेका अपने कोविड टीके की पहली खुराक लगने के चार हफ्ते बाद दूसरी खुराक लगाए जाने की अनुशंसा करती है लेकिन उसकी वेबसाइट यह भी कहती है कि चार हफ्ते से ज्यादा का अंतर होने पर टीके की असरकारिता बढऩे की प्रवृत्ति देखी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच 8-12 हफ्ते का अंतर रखने की सिफारिश की हुई है।
बहरहाल सूत्रों ने नाम सामने न आने की शर्त पर कहा कि खुराकों के बीच का अंतर कम करने का फैसला लिया जाएगा लेकिन इसके लागू होने का समय नहीं बता सकते हैं। इस बारे में टिप्पणी के लिए जब स्वास्थ्य मंत्रालय से संपर्क साधा गया तो फौरन कोई जवाब नहीं मिला। भारत में कोविड-19 टीकों का मासिक उत्पादन मई की तुलना में तिगुना होकर 30 करोड़ खुराक हो चुका है। इन खुराकों का करीब एक चौथाई हिस्सा निजी अस्पतालों एवं क्लिनिक को बेचा जाता है जबकि बाकी टीके सरकार की तरफ से नि:शुल्क लगाए जा रहे हैं।
