विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि 26 नवंबर, 2008 को हुए मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य षड्यंत्रकारी अब भी सुरक्षित हैं और उन्हें सजा नहीं दी गई है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत आतंकवाद के परिणाम को अन्यों की तुलना में कहीं बेहतर समझता है। विदेश मंत्री ने कहा कि जब कुछ आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने की बात आती है तो कुछ मामलों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ‘राजनीतिक कारणों से, खेदजनक रूप से’ कार्रवाई करने में असमर्थ रही।
उन्होंने चीन का स्पष्ट रूप से संदर्भ देते हुए यह कहा, जिसने कई मौकों पर पाकिस्तानी आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए यूएनएससी में लाए गए प्रस्तावों में रोड़ा अटकाया है।
जयशंकर ने कहा कि चूंकि आतंकी संगठनों को अपने संचालन एवं गतिविधियों के लिए धन और संसाधनों की जरूरत होती है, ऐसे में आतंकवाद के वित्त पोषण पर रोक लगाना इस बुराई से निपटने का एक अहम पहलू है।
विदेश मंत्री ‘आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल का मुकाबला’ विषय पर मुंबई में आयोजित एक विशेष बैठक में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम के पहले चरण का आयोजन दक्षिण मुंबई में ताज महल पैलेस होटल में आयोजित किया जा रहा है। आतंकवादियों ने 26 नवंबर 2008 को किए गए हमलों के दौरान इस होटल को भी निशाना बनाया था। जयशंकर के साथ गैबोन के विदेश मंत्री और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष माइकल मूसा ने ताज महल पैलेस होटल में 26/11 आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी।
