सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा अगले 73 दिनों में कोविशील्ड टीका तैयार किए जाने की अटकलों के बीच पुणे की इस कंपनी ने रविवार को स्पष्ट किया कि ये सभी दावे भ्रामक हैं। कंपनी ने एक वक्तव्य जारी करके कहा कि कोविशील्ड की उपलब्धता को लेकर मीडिया में किए जा रहे सभी दावे पूरी तरह गलत और अनुमान पर आधारित हैं। कंपनी ने कहा, ‘फिलहाल सरकार ने हमें केवल टीका बनाने और भविष्य में इस्तेमाल के लिए भंडारित करने की इजाजत दी है।’
कोविशील्ड ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय और औषधि निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित किए जा रहे टीके का नाम है जिसके दूसरे चरण के परीक्षण एसआईआई ने भारत में पिछले सप्ताह शुरू किए।
कंपनी ने कहा कि टीका वाणिज्यिक रूप से तभी उपलब्ध होगा जब परीक्षण पर खरा उतरेगा और उसे सभी नियामकीय मंजूरियां मिल जाएंगी। इस टीके के तीसरे चरण चरण का परीक्षण अभी चल रहा है और कंपनी ने कहा कि इसकी प्रतिरोधी क्षमता और प्रभाव साबित होने के बाद ही इसकी उपलब्धता की आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
दरअसल एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अगले 73 दिनों में टीका उपलब्ध होगा।
इस बीच शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने कहा कि कोविड-19 टीके की होड़ में शामिल एक भारतीय टीका चिकित्सकीय परीक्षण के तीसरे चरण में है और इस वर्ष के अंत तक टीका बन जाएगा। उद्योग जगत के जानकारों के मुताबिक तीसरे चरण के परीक्षण को यदि तेजी से अंजाम दिया जाए तो भी उसमें प्राय: तीन से छह महीने का समय लगता है।
