रविवार को सरकार में जो उथल-पुथल और इस्तीफे का दौर चला, उसकी नींव शनिवार रात आयोजित कांग्रेस कार्यकारी समिति की बैठक में ही तैयार हो चुकी थी।
इस बैठक में भाग लेने के लिए पी. चिदंबरम को मदुरै से तत्काल बुलाया गया था। यानी उन्हें गृहमंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई थी।
इसी बीच, प्रियंका गांधी का यह बयान- ‘अगर उनकी दादी (इंदिरा गांधी) जिंदा होती, तो देश गर्व करता’ को कांग्रेस नेताओं ने गंभीरता से लिया। दरअसल, प्रियंका का यह बयान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी टीम पर कटाक्ष था कि वे स्थिति को अच्छी तरह संभाल नहीं पाए।
शाम 7 बजे जैसे ही कांग्रेस कार्यकारी समिति की बैठक शुरू हुई, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गृहमंत्री शिवराज पाटिल पर सीधा निशाना नहीं साधा, लेकिन पार्टी के अन्य नेताओं ने एक सुर से पाटिल को निशाने पर लिया।
सोनिया गांधी ने अपने भाषण में कहा कि अब सहानुभूति और श्रद्धांजलि का समय नहीं है। जनता आक्रोश में है। अगर तत्काल कोई कदम नहीं उठाया गया, तो पार्टी की छवि पर असर पड़ सकता है। इतना सुनते ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी।
लेकिन पार्टी नेताओं के विरोधी स्वर में यह दब गया। इस बीच, पाटिल ने कहा कि यूपीए सरकार से कहीं ज्यादा आतंकी हमले एनडीए सरकार के समय में हुए हैं।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर पार्टी यह सोचती है कि मैं अपनी जिम्मेदारी निभाने में सफल नहीं रहा, तो मैं पद छोड़ने के लिए तैयार हूं।
वाणिज्य मंत्री कमलनाथ, पी. चिदंबरम और कपिल सिब्बल ने पाटिल पर निशाना साधते हुए कहा कि अब जरूरत कुशल राजनैतिक क्षमता दिखाने की है। कुछ नेताओं ने नौसेना और तटवर्ती सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए।
इस बीच रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने भी अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी, लेकिन कांग्रेस कार्यकारी समिति ने इससे मना कर दिया।
पाकिस्तान पर हमले पर भी चर्चा: बैठक में कई नेताओं ने कहा कि गोली का जवाब गोली से देना चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी होगी।
इस बीच प्रणव मुखर्जी ने लगभग चिल्लाते हुए कहा कि अभी पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने का सही वक्त नहीं है। इससे स्थितियां भारत के प्रतिकूल हो जाएंगी।
दरअसल, आतंकी और आईएसआई यह चाहते हैं कि हम ऐसा करें, जिससे विदेशी ताकतों को कश्मीर मसले पर हस्तक्षेप करने का मौका मिल सके।
और अगर एक बार विदेशी इस मसले में प्रवेश कर गए, तो उन्हें बाहर करना भारत के लिए बेहद मुश्किल होगा।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी उनका समर्थन करते हुए कहा कि अगर भारत पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई शुरू करता है, तो पूरी दुनिया का नक्शा (शक्ति समीकरण) बदल जाएगा।
बात यहीं खत्म नहीं हुई। वरिष्ठ कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने कहा कि मुंबई हमले की जिम्मेदारी लेते हुए गृहमंत्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। उसके बाद कोर कमिटी की बैठक में पी. चिदंबरम को नया गृह मंत्री बनाए जाने पर सहमति हो गई।
हालांकि योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया को वित्त मंत्री बनाए जाने पर भी चर्चा हुई।