महंगाई, दूध एवं दही जैसे कुछ आवश्यक खाद्य पदार्थों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाए जाने और रक्षा सेवाओं में भर्ती की अग्निपथ योजना जैसे मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी। उप राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की साझा उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा द्वारा मंगलवार को नामांकन पत्र दाखिल किए जाने के बाद भी नई रक्षा भर्ती योजना अग्निपथ पर चर्चा की गई। हालांकि अल्वा के नामांकन पत्र दाखिल किए जाने की बैठक में आम आदमी पार्टी (आप) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने हिस्सा नहीं लिया।
सदन के स्थगन के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की नेता सुप्रिया सुले, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता राम गोपाल यादव और शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी सहित विपक्ष के सांसदों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। संसद भवन के बाहर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विपक्षी दलों के नेताओं ने रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी वापस करने की मांग की।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर ‘वसूली सरकार’ होने का आरोप लगाया और कहा कि संसद में चर्चा और सवालों से भागना ‘असंसदीय’ है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘रुपया पहुंचा 80 पार, गैस वाला मांगे रुपये हजार, जून में 1.3 करोड़ बेरोजगार, अनाज पर भी जीएसटी का भार। जनता के मुद्दे उठाने से हमें कोई रोक नहीं सकता, सरकार को जवाब देना ही पड़ेगा। संसद में चर्चा और सवालों से भागना सबसे ‘असंसदीय’ है, प्रधानमंत्री जी।’
राज्यसभा में हंगामे के बीच ही उपसभापति हरिवंश ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से सामूहिक संहार के आयुध और उनकी परिदान प्रणाली (विधि विरूद्ध क्रियाकलापों का प्रतिषेध) संशोधन विधेयक, 2022 पेश करने को कहा। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से अनुरोध किया कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण विधेयक है, इसलिए वे व्यवधान ना उत्पन्न करें।
