केंद्र सरकार ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2019-20 और उसके बाद के वर्षों में नियोक्ता या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा वहन किए गए कर्मचारी के कोविड-19 उपचार के व्यय पर कर से छूट प्रदान की।
इसके अलावा वायरस की वजह से जान गंवाने वाले मृतक के परिवार के सदस्यों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को भी कर से छूट दी जाएगी। वित्त मंत्रालय ने अधिसूचित किया है कि यह छूट नियोक्ता द्वारा भुगतान की गई किसी भी राशि पर दी जाएगी तथा किसी अन्य व्यक्ति से प्राप्त होने के मामले में यह राशि 10 लाख रुपये तक सीमित होगी।
इस कदम से उन सैकड़ों करदाताओं को राहत मिलने की उम्मीद है, जो इस वैश्विक महामारी से प्रभावित हुए हैं। मंत्रालय ने कहा कि कई करदाताओं को उनके नियोक्ताओं और शुभचिंतकों से कोविड-19 के इलाज में होने वाला खर्च पूरा करने के लिए आर्थिक मदद मिली है। मंत्रालय ने घोषणा की है कि ऐसी राशियों पर कोई कर देयता नहीं होगी।
वित्त मंत्रालय ने कहा ‘यह सुनिश्चित करने के लिए कि इस खाते पर कोई आयकर देनदारी न बने, वित्त वर्ष 2019-20 और उसके बाद के वित्त वर्षों के दौरान करदाता को नियोक्ता या किसी अन्य व्यक्ति से कोविड-19 के उपचार के लिए प्राप्त राशि पर आयकर छूट प्रदान करने का निर्णय किया गया है।’
सरकार ने यह भी कहा कि कोविड-19 के कारण मरने वाले व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को आयकर से छूट दी जाएगी। मंत्रालय ने कहा ‘दुर्भाग्य से कुछ करदाताओं ने कोविड -19 के कारण अपनी जान गंवाई है। ऐसे करदाताओं के नियोक्ताओं और शुभचिंतकों ने उनके परिवार के सदस्यों को वित्तीय सहायता प्रदान की थी ताकि वे अपने परिवार के कमाऊ सदस्य के अचानक चले जाने से उत्पन्न कठिनाइयों का सामना कर सकें।’
मंत्रालय ने कहा कि उपरोक्त निर्णयों के लिए आवश्यक विधायी संशोधन समय के साथ प्रस्तावित किए जाएंगे।
कर छूट की घोषणा के अलावा मंत्रालय ने विभिन्न कर अनुपालन उपायों पर भी राहत दी है तथा समय सीमा को भी और बढ़ा दिया है।
मंत्रालय ने कहा ‘वैश्विक महामारी कोविड-19 के प्रभाव के मद्देनजर करदाताओं को कुछ कर अनुपालनों को पूरा करने और विभिन्न नोटिसों का जवाब दाखिल करने में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इस कठिन समय के दौरान करदाताओं द्वारा किए जाने वाले अनुपालन को आसान बनाने के लिए राहत प्रदान करने का निर्णय किया गया।’
एक महत्त्वपूर्ण बात यह है कि पैन और आधार कार्ड को जोडऩे से संबंधित अंतिम समयसीमा में भी विस्तार किया गया है। इसे तीन महीने तक बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया है।
इसके अलावा कर कटौती के लिए आवासीय घर में निवेश करने की अवधि को भी तीन महीने से अधिक तक बढ़ा दिया गया है और विवाद से विश्वास के बिना ब्याज के भुगतान को 30 जून से 31 अगस्त तक दो महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।
अन्य छूटों में इक्वलाइजेशन लेवी का विवरण प्रस्तुत करना शामिल है, जिसे अब एक महीने के लिए 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा मूल्यांकन आदेश पारित करने की समय सीमा, जिसे पहले 30 जून तक बढ़ा दिया गया था, उसे अब 30 सितंबर तक बढ़ा दिया गया है। इसके अतिरिक्त जुर्माना का आदेश जारी करने की अवधि को भी 30 सितंबर तक बढ़ा दिया गया है।
