वित्त मंत्रालय दिल्ली और अलवर के बीच दूसरे रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के वित्तपोषण के लिए विश्व बैंक और जापान इंटरनैशनल कोऑपेरशन एजेंसी (जाइका) से करीब 3 अरब डॉलर कर्ज लेने पर बात कर रहा है।
यह परियोजना तीन चरणों में तैयार होगी। सूत्रों ने कहा कि वित्तपोषण पहले चरण के सराय काले खां से एसएनबी अर्बन काम्प्लेक्स (शाहजहांपुर, नीमराणा, बेहरोर) 107 किमी के लिए होगा। दिल्ली गाजियाबाद मेरठ के बीच पहले आरआरटीएस पर पहले ही काम शुरू हो चुका है। इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘दिल्ली से अलवर के बीच दूसरे गलियारे के लिए जाइका से मिलकर योजना बनाई जा रही है। वित्त मंत्रालय ने इसे पहले ही तय कर रखा है, लेकिन विश्व बैंक भी इसके कुछ हिस्से के लिए वित्तपोषण करना चाहता है।’
परियोजना के लिए 3 अरब डॉलर वित्तपोषण में से भारत जाइका से करीब 2 अरब डॉलर और विश्व बैंक से 1 अरब डॉलर लेने पर विचार कर रहा है। दिल्ली अलवर मार्ग की कुल लागत करीब 36,000 करोड़ रुपये आने का अनुमान है। इस परियोजना के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने पहले ही विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर दी है। इस डीपीआर को सभी तीन राज्यों (दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान) ने मंजूरी दे दी है। अब इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। बहरहाल सड़क चौड़ीकरण, पेड़ों की कटाई और निर्माण के पूर्व की गतिविधियों के लिए हरियाणा सरकार ने पहले ही 100 करोड़ रुपये आवंटित कर दिया है।
दिल्ली और मेरठ के बीच पहले आरआरटीएस के लिए अनुमानित लागत करीब 30,000 करोड़ रुपये में से 60 प्रतिशत का इंतजाम बहुपक्षीय वित्तपोषण से हो गया है। कुल 2 अरब डॉलर वित्तपोषण में से 1 अरब डॉलर एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) और 0.5 अरब डॉलर एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) और 0.5 अरब डॉलर न्यू डेलवपमेंंट बैंक (एनडीबी) से 2 से 2.5 प्रतिशत की ब्याज दरों पर हुआ है।
एनसीआर प्लानिंग बोर्ड द्वारा 2032 तक 8 गलियारे बनाने की योजना बनाई गई है, जिसमें से 3 को प्राथमिकता में रखा गया है। प्राथमिकता में शामिल गलियारों में दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर गलियारे शामिल हैं, जिन पर पहले ही काम शुरू हो गया है। दिल्ली-पानीपत के बीच तीसरे मार्ग पर करीब 30,000 करोड़ रुपये निवेश का अनुमान है। इस गलियारे के लिए एनसीआरटीसी बोर्ड ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है। इसे दिल्ली व हरियाणा सरकारों से मंजूरी मिलना बाकी है। दिल्ली अलवर परियोजना के दूसरे चरण में एसएनबी और सोटानाला के बीच 33 किलोमीटर मार्ग पर काम होगा, जबकि तीसरे चरण में एसएनबी को अलवर से जोडऩे के लिए 58 किलोमीटर पर काम होगा। पहले चरण में 107 किलोमीटर मार्ग पर काम होना है, जिसमें 83 किलोमीटर हरियाणा में, 22 किलोमीटर दिल्ली में और 2 किलोमीटर राजस्थान में है। इसमें से 70.5 किलोमीटर एलिवेटेड और 36.5 किलोमीटर भूमिगत मार्ग होगा।