आजादी के बाद पहली बार अक्टूबर से जम्मू और कश्मीर की नियंत्रण रेखा (एलओसी) से व्यापार शुरू होगा। भारत और पाकिस्तान कश्मीर आधारित सीमा व्यापार को लेकर की जाने वाली तैयारियों पर सहमत हो गए हैं।
यह कदम राज्य में नबंवर में होने वाले चुनाव के मद्देनजर भी उठाया जा रहा है।अगले सोमवार को भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारी एलओसी व्यापार से संबंधित मसलों पर विचार करने के लिए नई दिल्ली में मुलाकात करने वाले हैं।
दोनों पड़ोसी देशों के रिश्ते को मधुर बनाने और कश्मीर में तनाव को कम करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया जा रहा है। हाल ही में अमरनाथ श्राइन बोर्ड मुद्दे पर कश्मीर घाटी में अशांति फैल गई थी।
सीमा व्यापार श्रीनगर-मुजफ्फराबाद (वाया सलामबाद बॉर्डर पोस्ट) और पुंछ-रावलकोट (वाया चकलाबाग बॉर्डर पोस्ट) के रास्ते होगा। इसी दोनों रास्ते से अभी कश्मीरियों को एलओसी के पार सफर करने की अनुमति है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने उन नौ उत्पादों को स्वीकृति दे दी है, जो भारत से बिना शुल्क के निर्यात किया जाएगा।
इसमें ताजे फल और मेवे, खुबानी, अखरोट , फर्नीचर के सामान और कुछ हथकरघे की सामग्री भी शामिल हैं। पाकिस्तान ने 14 सामान की सूची भेजी है, जो भारत को निर्यात करना चाहता है।
इसमें मसाले, औषधीय पौधे, कृषि उत्पाद, चमड़े का सामना आदि शामिल हैं। एक अधिकारी ने बताया कि सीमा रेखा से कोई सामग्री कितनी मात्रा में और कैसे आ रही है, इस पर नियंत्रण रखा जाएगा।
