उत्तर प्रदेश में गन्ना कीमत मसले पर जारी विभिन्न आदेशों के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) और अपीलों पर अब 12 मई को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।
इस बीच गन्ना किसानों को मिल मालिकों द्वारा देय राज्य सरकार की ओर से निर्धारित मूल्य मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 9 मई को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। दूसरी ओर, इसी से जुड़े मामले की सुनवाई हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में भी 12 मई को जारी रहेगी।
गौरतलब है कि गन्ना के मूल्य को लेकर विभिन्न आदेश और याचिकाएं दायर की गई हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को पिछले साल के लिए गन्ना के देय मूल्य पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है।
यही वजह है कि इस बार राज्य में गन्ना की खेती में तकरीबन 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। 15 नबंवर, 2007 को र्हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार की ओर से गन्ना के लिए निर्धारित मूल्य 125 रुपये प्रति क्विंटल के खिलाफ अपना आदेश सुनाया था।
उसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 17 जनवरी और 31 मार्च 2008 को बजाज हिंदुस्तान ग्रुप को आदेश दिया कि वह सांविधिक न्यूनतम मूल्य का भुगतान करे, जोकि राज्य की ओर निर्धारित मूल्य से काफी कम है।
राज्य की ओर से निर्धारित मूल्य के मामले में 19 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से पारित आदेश के विरूद्ध प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की।