केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महामारी फैलने और पूरे देश में लॉकडाउन होने के दो साल बाद कोविड-19 से जुड़े अपने सभी प्रतिबंध 31 मार्च से खत्म करने का फैसला किया है। मंत्रालय ने कहा है कि कोविड नियंत्रण उपायों के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधान इस्तेमाल करने की जरूरत अब शायद नहीं पड़ेगी। मगर मास्क पहनने और एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने के नियम बरकरार रहेंगे।
राज्य और केंद्र शासित प्रदेश समय-समय पर मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) और कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने समेत रोकथाम उपायों, टीकाकरण एवं अन्य संबंधित पहलुओं पर परामर्श जारी कर सकते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी आज अस्पतालों में बेड भरे होने के स्तर और जांच संक्रमण दर के आधार पर कोविड-19 प्रतिबंधों में ढील को लेकर राज्यों को निर्देश जारी किए।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा, ‘राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने हालात में सुधार और महामारी से निपटने की सरकार की तैयारी पर विचार करने के बाद निर्णय लिया है कि शायद आगे कोविड रोकथाम उपायों के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधान इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं होगी।’ उन्होंने कहा कि मौजूदा आदेश (25 फरवरी को जारी) की अवधि 31 मार्च को खत्म हो जाएगी, जिसके बाद गृह मंत्रालय आगे आदेश जारी नहीं करेगा।
भल्ला ने कहा, ‘इसलिए मैं सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दूंगा कि वे कोविड नियंत्रण उपायों के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत आदेश एवं दिशानिर्देश जारी करने पर रोक के लिए उचित विचार करें।’केंद्र सरकार ने देश में कोविड-19 फैलने से रोकने के लिए 24 मार्च 2020 को पहली बार आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत आदेश एवं दिशानिर्देश जारी किए थे। इन आदेशों में समय-समय पर संशोधन होता रहा है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे पत्र में कहा कि पिछले 24 महीनों के दौरान महामारी नियंत्रण के विभिन्न पहलुओं जैसे जांच, निगरानी, संपर्क का पता लगाना, इलाज, टीकाकरण, अस्पताल का बुनियादी ढांचा आदि के लिए अहम क्षमताएं विकसित की गई हैं।
भल्ला ने यह भी कहा कि अब आम जनता में कोविड के मुताबिक व्यवहार के प्रति ज्यादा सजगता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मास्क पहनने, हाथ साफ करने समेत कोविड रोकथाम के परामर्श महामारी के प्रति राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की अगुआई करते रहेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे एक पत्र में कहा कि सभी राज्यों को सलाह दी जाती है कि वे कोविड-19 के प्रभावी प्रबंधन के लिए सक्रिय निगरानी और आवश्यक उपायों का क्रियान्वयन जारी रखें। इस संबंध में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के 18 फरवरी के जांच, निगरानी और नियंत्रण आधारित प्रतिबंध अब भी वैध हैं।
उन्होंने कहा कि उन क्षेत्रों की पहचान के लिए, जहां प्रतिबंध जरूरी हैं, वहां दो व्यापक रूपरेखाओं से राज्यों को मदद मिलेगी। इनमें पिछले सप्ताह में जांच संक्रमण दर 10 फीसदी से अधिक और बेड भरने का स्तर 40 फीसदी से अधिक होना शामिल हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि हालांकि प्रतिबंधों में धीरे-धीरे कमी पर जोर होना चाहिए। लेकिन राज्यों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पर्याप्त जांच हों। इसके अलावा पर्याप्त कोविड-19 स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा उपलब्ध हो और सभी पात्र आयु वर्ग में 100 फीसदी टीकाकरण का लक्ष्य तय किया जाए। गृह सचिव ने कहा कि इस बीमारी की प्रकृति को देखते हुए लोगों को अब भी सतर्क रहने की जरूरत है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पत्र में कहा कि अगर कभी मामलों में बढ़ोतरी होती है तो राज्य केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी परामर्श के मुताबिक स्थानीय स्तर पर त्वरित एवं अग्रिम कदम उठाने के बारे में विचार कर सकते हैं। भल्ला ने कहा कि महामारी के इन दो वर्षों में राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी क्षमता एवं प्रणालियां विकसित कर ली हैं और उन्होंने महामारी नियंत्रण के लिए अपनी व्यापक विशेष योजनाएं लागू की हैं। पिछले सात हफ्तों में देश में कोविड के मामलों में भारी गिरावट आई है। भारत में अब कुल मामले 23,913 (22 मार्च को) हैं और दैनिक संक्रमण दर घटकर 0.28 फीसदी पर आ गई है।
