बीमा नियामक ने आग और उससे जुड़े जोखिमों को कवर करने के लिए एक मानक बीमा उत्पाद पेश करने का फैसला किया है। जो बीमा कंपनियां आग और उससे संबंधित नुकसान के बीमा से जुड़ी हुई हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से 1 अप्रैल 2021 से इसकी पेशकश करनी होगी। नियामक इसके लिए 3 तरह का बीमा पेश करेगा, जो आवास और सूक्ष्म स्तर व छोटे स्तर के उद्यमों के लिए होगा।
भारत गृह रक्षा बीमा में आवासीय भवन और मकान को आग, प्राकृतिक आपदा, दंगों, आतंकवाद व अन्य जोखिम के कारण होने वाले नुकसान के 7 दिन के भीतर क्षतिपूर्ति की जाएगी। इसके लिए न सिर्फ भवन की क्षति पर बीमा राशि मिलेगी बल्कि घर के सामान के नुकसान की भरपाई के लिए बीमित राशि का 20 प्रतिशत (अधिकतम 10 लाख रुपये) धन मिलेगा। इस बीमा में दो वैकल्पिक कवर- महंगे सामान का बीमा और बीमित व्यक्ति व उसके संबंधी की व्यक्तिगत दुर्घना कवरेज शामिल है। उद्यमों के लिए मानक उत्पाद, जिसमें कुल 5 करोड़ रुपये तक जोखिम मूल्य शामिल है, को भारत सूक्ष्म उद्यम सुरक्षा नाम दिया गया है। इसके तहत भवन, संयंत्र, मशीनरी, स्टॉक व अन्य संपत्तियों को नुकसान होने पर क्षतिपूर्ति मिलेगी, जो एक स्थल के लिए 5 करोड़ रुपये तक होगी। बीमा नियामक ने कहा, ‘यह पॉलिसी सूक्ष्म स्तर के उद्यमों जैसे कार्यालयों, होटलों, उद्योगों, भंडारण जोखिम आदि के लिए ली जा सकेगी।’
भारत लघु उद्यम सुरक्षा के तहत उद्यमों को एक स्थल पर बीमित संपत्ति के नुकसान पर 5 करोड़ रुपये से ज्यादा लेकिन 50 करोड़ रुपये तक का बीमा मुहैया कराया जाएगा, जो पॉलिसी लेने की तिथि से लागू होगा। नियामक ने कहा है कि भारत सूक्ष्म उद्यम सुरक्षा और भारत लघु उद्यम सुरक्षा पॉलिसी एमएसएमई के वित्तीय संरक्षण के लिए उपयोगी होंगी।
डी-टैरिफिंग की प्रक्रिया 2008 में शुरू की गई थी, लेकिन केवल कीमत के मसलों के अलावा इसके प्रावधानों, सामान्य नियमों को एआईएफटी 2001 के मुताबिक तय किया गया है। कीमत को बीमाकर्ता पर छोड़ दिया गया था। लेकिन नियामक ने इसे 1 अप्रैल, 2021 से मकानों, सूक्ष्म स्तर व छोटे स्तर के उद्यमों के लिए लागू करने का फैसला किया है।
