अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोविड-19 के रूसी टीके स्पूतनिक-5 की कीमत प्रति खुराक 10 डॉलर से भी कम होगी और रूस वर्ष 2021 में भारत, चीन ब्राजील, कोरिया और अन्य देशों की भागीदारी के जरिये वैश्विक स्तर पर इस टीके की एक अरब खुराकों की आपूर्ति करने की योजना बना रहा है।
मॉस्को से मीडिया के साथ बात करते हुए रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के मुख्य कार्याधिकारी किरिल दिमित्रिएव ने कहा कि विनिर्माण साझेदारी के जरिये वैश्विक स्तर पर स्पूतनिक-5 की एक अरब खुराक या 50,000 करोड़ कोर्स की आपूर्ति करने की योजना है। प्रत्येक देश में नियोजित क्षमताओं के विवरण का खुलासा न करते हुए किरिल ने कहा कि उन्होंने भारत, चीन, ब्राजील, कोरिया, हंगरी और कुछ अन्य देशों के साथ साझेदारी की हुई है।
भारत में साझेदारी वाले स्थलों पर प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। वितरण और क्लीनिकल परीक्षण के लिए आरडीआईएफ की भारतीय साझेदार डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (डीआरएल) ने पिछले सप्ताह इस बात की पुष्टि की थी। आरडीआईएफ ने यह भी संकेत दिया है कि उन्होंने अंतरिम आंकड़ों के साथ दुनिया भर में हितधारकों और विनियामकों के साथ संपर्क शुरू कर दिया है। इन वैश्विक परीक्षणों से प्राप्त अंतरिम परिणाम जनवरी के आसपास विनियामकों के साथ साझा किए जाएंगे।
केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के एक सूत्र ने कहा कि जब ये आंकड़े प्रस्तुत किए जाएंगे, तो विनियामक सुरक्षा और कारगरता के इन आंकड़ों की बारीकी से जांच करेगा। सूत्र ने कहा कि कंपनियां हर दूसरे दिन असर के दावे कर रही हैं। ये अब तक पूर्व समीक्षा वाले पत्रों में प्रकाशित नहीं हुए हैं और कोई चाहे कुछ भी कह सकता है, लेकिन हमें नहीं पता कि जमा कराए जाने के लिए पूरे आंकड़े कब तैयार होंगे। केवल एक ही टीके का विश्लेषण करने के लिए भले ही पूरी विनियामकीय व्यवस्था का उपयोग क्यों न किया जाए, लेकिन किसी फैसले तक पहुंचने में कम से कम तीन सप्ताह या अधिक का समय लग जाएगा।
स्पूतनिक-5 के दाम मॉडर्ना के एम-आरएनए टीके से कम हैं जिसके दाम 25 से 37 डॉलर होंगे। किरिल ने कहा कि इसके दाम इसी प्रकार की कारगरता वाले किसी टीके की तुलना में आधे हैं। एस्ट्राजेनेका के टीके की कीमत तकरीबन पांच से छह डॉलर प्रति खुराक है।
इसके अलावा रूसी शोधकर्ताओं ने यह भी अनुभव किया है कि एस्ट्राजेनेका द्वारा लिया गया प्राइमर-बूस्टर शॉट वाला दृष्टिकोण अच्छा है और मानव-एडेनोवायरल (सर्दी) वेक्टर आधारित स्पूतनिक-5 टीके के लिए अच्छी तरह से काम कर सकता है।
सोमवार को एस्ट्राजेनेका ने कहा था कि प्राइमर-बूस्टर रेजिमेन में इस्तेमाल किए जाने पर (पहले इंजेक्शन के रूप में आधी खुराक और फिर दूसरी खुराक के रूप में पूरा इंजेक्शन) मंकी एडेनोवायरल वेक्टर (ठंडा वायरस) आधारित टीके कोविशील्ड ने 90 प्रतिशत की बढिय़ा कारगरता दिखाई है, जबकि दो पूरी खुराक दिए जाने पर इसका असर 62 प्रतिशत रहा है। किरिल ने कहा कि टीकाकरण के प्रति प्राइमरी-बूस्टर वाला दृष्टिकोण बहुत सही दृष्टिकोण है। एस्ट्राजेनेका के परिणाम इस बात की पुष्टि करते हैं कि जब समान मात्रा में खुराक का इस्तेमाल किया जाता है, तो यह टीका कम प्रभावी रहता है। हम अपने मानव एडेनोवायरल घटक को उन सभी देशों को आपूर्ति करने के लिए तैयार हैं, जिनकी रुचि इस दृष्टिकोण मेें है।
किरिल ने यह भी कहा कि यह रूसी टीका न केवल सस्ता होगा, बल्कि सब के लिए सुलभ भी होगा। लॉजिस्टिक्स को आसान बनाने के लिए एक ऐसी किस्म का विकास किया जा रहा है, जो दो से आठ डिग्री सेल्सियस पर स्थिर रहेगा। यह एक लियोफिलाइज्ड किस्म होगी। इसे आम तौर पर कम तापमान वाली निर्जलीकरण प्रक्रिया के तौर पर जाना जाता है। इसमें उत्पाद को ठंडा करना, उसका दबाव कम करना और फिर बर्फ को हटाया जाता है। यह प्रक्रिया निर्जलीकरण के उलट होती है जिसमें ऊष्मा का उपयोग करते हुए पानी का वाष्पीकरण शामिल रहता है।
इस तरह, स्पूतनिक-5 को शुष्क रूप में प्राप्त करने से लॉजिस्टिक संबंधी दिक्कतें काफी कम हो जाएंगी और इसकी पहुंच के दायरे में सुधार हो जाएगा। फिलहाल इसे स्थिर रखने के लिए -18 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है।
इस बीच क्लीनिकल परीक्षण के आंकड़ों के दूसरे अंतरिम विश्लेषण से पता चला है कि पहली खुराक के बाद 28वें दिन स्पूतनिक-5 टीके का असर 91.4 प्रतिशत रहा है। पहली खुराक के बाद 42वें दिन इस टीके का असर 95 प्रतिशत से अधिक रहता है।
