देश में गैर-कोविड 19 टीकों पर काम अब धीरे-धीरे बढ़ रहा है क्योंकि कई कंपनियों ने परीक्षण कराने और मार्केटिंग की अनुमति पाने के लिए नियामकों से अनुमति मांगी है। महामारी की वजह से गैर कोविड-19 टीके के प्रस्तावों की समीक्षा से जुड़ा नियामकीय कार्य पिछले साल काफी धीमा पड़ गया था। जुलाई और अगस्त में टीकों से जुड़ी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने कई प्रस्तावों को पूरा किया और उन्हें मंजूरी दी जिसमें भारत बायोटेक के इन्फ्लुएंजा टीके, जीएसके के रोटावायरस टीके को दिया गया मार्केटिंग अधिकार शामिल है। विशेषज्ञ पैनल ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई), सनोफी, जीएसके जैसी कंपनियों को क्रमश: अपने निष्क्रिय साल्क पोलियो टीके, हेक्सावैलेंट टीके (हेपेटाइटिस, डिप्थीरिया, टिटनेस आदि जैसी छह बीमारियों के लिए बच्चों का टीका) क्वाड्रिवैलेंट इन्फ्लुएंजा और हप्र्स जोस्टर टीके के लिए तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण शुरू करने की भी अनुमति दी है।
बायोलॉजिकल ई जैसी कुछ कंपनियों को केवल निर्यात के लिए खसरा का टीका बनाने की अनुमति दी गई थी। कैडिला हेल्थकेयर, बायोलॉजिकल ई जैसी कुछ कंपनियों को क्रमश: उनके टाइफायड और इन्फ्लुएंजा टीके के लिए चौथे चरण का परीक्षण शुरू करने की अनुमति दी गई थी। एक टीका कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘कोविड-19 टीके को कुछ स्पष्ट वजहों से प्राथमिकता दी गई थी। कई दवा कंपनियों के लिए भी महामारी के दौरान गैर-कोविड टीकों का परीक्षण करना मुश्किल रहा क्योंकि वॉलंटियर की भर्ती और उनकी नियमित निगरानी आसान नहीं हैं। ऐसे में परीक्षण कराने के लिए मंजूरी मांगने वाले प्रस्ताव कम थे।’
उन्होंने कहा कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की समीक्षा प्रक्रिया अभी तक महामारी के पहले के स्तर तक वापस नहीं आ पाई है और कोविड-19 का काम अब भी प्राथमिकता में है लेकिन गैर कोविड-19 टीके के काम में निश्चित रूप से तेजी आ रही है। सीडीएससीओ ने भी पिछले साल एक क्लीनिकल परीक्षण के सभी नियमों का पालन करने के लिए सख्त नियमों में ढील दी थी।
दरअसल, पिछले साल मार्च में एक अधिसूचना में सीडीएससीओ ने कहा था कि मौजूदा स्थिति में सीडीएससीओ समझता है कि देश में कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर क्लीनिकल परीक्षण के दौरान विभिन्न चुनौतियां पैदा हो सकती हैं। इसमें कहा गया, ‘जिन लोगों पर परीक्षण किया जा रहा है उनके अधिकार, सुरक्षा और बेहतरी को काफी अहमियत देना जरूरी है और सीडीएससीओ ने यह गौर किया कि कुछ मामलों में नियमों के संशोधन कुछ अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण आवश्यक हो सकते हैं।’
हालांकि उद्योग के सूत्रों ने दावा किया कि कोविड-19 टीके के शोध की समीक्षा पर जोर देने के साथ ही गैर कोविड-19 टीकों के क्लीनिकल परीक्षण शुरू करने के प्रस्तावों की समीक्षा पर फिर से जोर दिया जा रहा है। टीके की मार्केटिंग करने वाली एक दवा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘नए परीक्षण शुरू करने के लिए शायद ही कोई नई मंजूरी दी गई थी। नियामक कार्यालय और विशेषज्ञ कोविड-19 टीका परीक्षण के मौजूदा समय के डेटा की समीक्षा करने में व्यस्त थे।’