औद्योगिक और वेयरहाउसिंग के लिए जमीन का इस्तेमाल 2021 में 83 फीसदी बढ़कर 4.77 करोड़ वर्गफुट होने की उम्मीद है। वैश्विक संपत्ति परामर्श कंपनी सविल्स इंडिया के मुताबिक वेयरहाउसिंग के क्षेत्र में जमीन के इस्तेमाल में यह उछाल ई-कॉमर्स और विनिर्माण क्षेत्रों में आक्रामक वृद्घि होने के साथ साथ महानगरों और बड़े शहरों में जमीन की बढ़ती मांग के कारण से आएगी।
तीसरा पक्ष और ई-कॉमर्स क्षेत्र लगातार गोदाम की मांग को बढ़ा रहे हैं। 2020 में जगह के कुल इस्तेमाल में इनकी हिस्सेदारी 60 फीसदी थी जिसके बाद 24 फीसदी के साथ विनिर्माण क्षेत्र का स्थान है। इन क्षेत्र में फर्मों की बढ़ती संख्या और व्यापक भारतीय खपत बाजार ने भारत के गोदाम क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं को बढ़ा दिया है। 2020 में औद्योगिक और गोदाम बाजार में 1 अरब डॉलर से अधिक का निवेश हुआ।
देश के बड़े शहरों में 2020 में जगह के इस्तेमाल की वृद्घि में सर्वाधिक 25 फीसदी के साथ एनसीआर पहले स्थान पर रहा जिसके बाद 15 फीसदी के साथ पुणे का स्थान है। मुंबई और चेन्नई में 13-13 फीसदी जमीन का इस्तेमाल बढ़ा जबकि कोलकाता इस मामले में 12 फीसदी पर रहा। लुधियाना, लखनऊ, कोयम्बटूर, जयपुर, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, नागपुर और पटना जैसे बड़े शहरों में 2020 में करीब 30 लाख वर्गफुट जमीन का इस्तेमाल बढ़ा। इसने कहा कि ई-कॉमर्स और 3पीएल कंपनियां खपत आधारित वृद्घि को भूना रही हैं और गोदाम के लिए मांग को ताकत दे रही हैं।
आपूर्ति के मोर्चे पर सविल्स इंडिया को उम्मीद है कि 2021 में आपूर्ति 113 फीसदी बढ़कर 4.79 करोड़ फुट हो जाएगी। लॉकडाउन के कारण निर्माण गतिविधि के प्रभावित होने के बावजूद देश के शीर्ष 8 शहरों में पिछले साल 2.24 करोड़ वर्गफुट नई जगह की आपूर्ति की गई। 2020 में जगह की हुई कुल आपूर्ति में एनसीआर की भागीदारी 22 फीसदी रही जिसके बाद 20 फीसदी के साथ चेन्नई और 12 फीसदी के साथ बेंगलूरु का स्थान है। समग्र औद्योगिक और गोदाम स्थल का स्टॉक 2021 में 21 फीसदी बढ़कर 27.8 करोड़ वर्गफुट हो जाने के आसार हैं जो पिछले वर्ष 23 करोड़ वर्गफुट रहा था।
सविल्स इंडिया में औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स के प्रबंध निदेशक श्रीनिवास एन ने कहा, ‘कोल्ड चेन, फार्मास्यूटिकल गोदामों की बढ़ती मांग के साथ साथ ई-कॉमर्स और संगठित खुदरा में वृृद्घि होने से 2021 में गोदामों की मांग बढ़ सकती है। इसके अलावा, मजबूत वृहत आर्थिक बुनियादों और क्रियान्वयन में सरकारी नीति के सहयोग से औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स के समूचे उप संपत्ति वर्ग में वृद्घि लगातार जारी रहेगी।’
खाली गोदाम के प्रतिशत में भी 170 आधार अंकों की कमी आई है और यह 2019 के 10.2 फीसदी से कम होकर 2020 में 8.5 फीसदी रह गई और किराया मूल्य 2020 में सभी बड़े शहरों में स्थायी रहा। एन श्रीनिवास ने कहा, ‘भारत एक वैकल्पिक विनिर्माण निवेश गंतव्य के तौर पर उभर रहा है। विदेशी विनिर्माण कंपनियां अपना विनिर्माण आधार में भारत में स्थानांतरित करने की योजना बना रही हैं। इससे देश भर में तैयार हाई स्पेक फिटेड आउट और कस्टम बिल्ट औद्योगिक जगह दोनों की मांग बढ़ेगी। खास तौर पर एफएमसीजी, ऊर्जा, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल, चिकित्सा उपकरणों आदि जैसे बढ़ते क्षेत्रों से मांग में तेजी आएगी।’
