किसी भी तरह के नशे की सख्त मुखालफत करने वाले महात्मा गांधी के 139वें जन्मदिवस से देशभर में सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने पर लगी पाबंदी की शुरुआत हो गई। पहले दिन (2 अक्टूबर) सिगरेट विक्रेता और इसका सेवन करने वाले भले ही उदासीन नजर आए, लेकिन राज्य सरकारें इस नए कानून को सख्ती से लागू करने का मन बना रही हैं। हालांकि चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में 200 रुपये जुर्माना के भय से लोग खुद ही सार्वजनिक स्थलों पर सिगरेट पीने से परहेज करते दिखे। द बॉम्बे नगरपालिका के एक अधिकारी ने कहा कि इस नए कानून को पूरी तरह से लागू करने में कुछ वक्त लगेगा, क्योंकि नगरपालिका के पास फिलहाल कर्मचारियों और अन्य संसाधनों की कमी है।
चेन्नई शहर में पुलिस की ओर से सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान नहीं करने की कड़ी चेतावनी दी गई है। हालांकि सिगरेट का सेवन करने वालों में इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति है कि वे कौन–कौन से सार्वजनिक स्थल हैं, जहां सिगरेट पीने की मनाही है। राज्य के अधिकारी पहले चरण में होटलों और सरकारी दफ्तरों पर नजर लगाए हुए हैं, ताकि इस स्थल को धूम्रपान रहित क्षेत्र में बदला जा सके। उधर, होटल कारोबारियों का कहना है कि पंचसितारा होटलों में सिगरेट पीने वालों के लिए अलग से स्थान मुहैया कराया जाता है, वहीं अन्य होटलों में भी इसके लिए अलग से सुविधा है। उनके मुताबिक, ये स्थान सार्वजनिक क्षेत्र के तहत नहीं आता है।चेन्नई स्थित आईटी पार्क शेरेटन में एक दिन पहले ही कॉरिडोर से एशट्रे को हटा दिया गया और जगह–जगह पर सिगरेट नहीं पीने की चेतावनी वाले सूचना टांग दी गई। मुंबई के कई रेस्टोरेंटों में भी कुछ ऐसा ही नजारा दिखा। तंबाकू उत्पाद विक्रेता राजेश कुमार ने बताया कि पाबंदी के बावजूद बिक्री में गिरावट की आशंका नहीं है। उसने बताया कि पहले भी वह रोजाना 50 पैकेज सिगरेट बेचते थे और गुरुवार को भी उन्होंने करीब इतनी ही सिगरेट बेची। दिल्ली में पहले से ही सार्वजनिक स्थलों पर सिगरेट पीने पर पाबंदी है और 21 जुलाई से अब तक करीब 1,1,31 लोगों से जुर्माना वसूला जा चुका है। कॉरपोरेट घरानों ने भी सरकार के इस कदम की सराहना की है। अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी सिनटेल के महानिदेशक एन. एनआर श्रावनन ने बताया कि अगर उनके कर्मचारी सिगरेट पीने के लिए अलग स्मोकिंग जोन बनाने की मांग करते हैं, तो इस बारे में विचार किया जा सकता है, ताकि कानून का उल्लंघन न हो। बेंगलुरु स्थित व्रिपो ने भी अपने कर्मचारियों से कार्यालय में धूम्रपान नहीं करने को कहा है। अगर कोई कर्मचारी उल्लंघन करता है, तो कार्रवाई की जाएगी।