कर्मचारियों की किल्लत की वजह से भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) आईएसआई सर्टिफिकेट के गलत इस्तेमाल और नियमों के उल्लंघन की जांच नहीं कर पा रहा है।
ऐसे में उत्तर प्रदेश में आईएसआई मानक का धड़ल्ले से दुरुपयोग हो रहा है। हालांकि अब बीआईएस इस पर रोक लगाने के लिए कमर कसता नजर आ रहा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ जिलों में सर्टिफिकेट के दुरुपयोग की जांच के लिए आउटसोर्स की योजना बनाई जा रही है।
बीआईएस का कहना है कि कर्मचारियों की कमी को देखते हुए विभाग को बाहरी एजेंसियों की मदद लेनी पड़ रही है। विभाग इसके जरिए आईएसआई मार्का की जांच कराएगी और दुरुपयोग रोकने के लिए बाजारों और उद्योगों पर छापामारी अभियान चलाया जाएगा।
बीआईएस के निदेशक (लखनऊ) आर.के. शर्मा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि कर्मचारियों की कमी के कारण आईएसआई मार्का का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया जा रहा है। यही वजह है कि बीआईएस ने बाहरी एजेंसियों को निविदा के जरिए इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपने का विचार किया है। उन्होंने बताया कि बीआईएस ने कुछ समय पहले एनसीआर क्षेत्र में ऐसा प्रयोग किया था, जिसमें काफी सफलता मिली थी। इसी से प्रेरित होकर बीआईएस इसे यूपी में शुरू करने की योजना बना रहा है।
इसी बीच, बीआईएस ने यूपी के सभी जिलों और उत्तराखंड के कुछ जिलों में इसके लिए निविदा आमंत्रित की है। शर्मा ने बताया कि योग्य एजेंसियों को खास क्षेत्र में आईएसआई मार्का के दुरुपयोग की जांच की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। निविदा में भाग लेने वाली एजेंसियों का सालाना कारोबार कम से कम 20 लाख रुपये होना चाहिए।