महामारी के कारण हुई बंदी की वजह से अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है, वहीं रियल एस्टेट के प्रमुख कारोबारियों का दावा है कि इस क्षेत्र में बेहतरी के संकेत मिलने लगे हैं। उनके मुताबिक पूछताछ के बाद बिक्री का अनुपात (कन्वर्शन अनुपात) बढ़कर 20 से 25 प्रतिशत हो गया है, जो कोविड के पहले के समय में एक अंक में था। साथ ही फ्लैटों की बिक्री के औसत आकार में भी बढ़ोतरी हुई है।
इस साल देश के प्रमुख शहरों में अप्रैल से जून तिमाही में आवासीय संपत्तियों की बिक्री में 81 प्रतिशत गिरावट आई है। नई पेशकश में भी 98 प्रतिशत गिरावट आई है। लेकिन बड़े ब्रांडों को अब पिछले 3 महीने की सुस्ती के बाद बढ़त नजर आ रही है।
मुंबई की रियल एस्टेट कंपनी ओबेरॉय रियल्टी के चेयरमैन विवेक ओबेरॉय ने कहा कि पूछताछ व बिक्री का अनुपात बढ़कर करीब 25 प्रतिशत हो गया है, जो पहले 10 प्रतिशत था।
ओबेरॉय ने कहा, ‘जुलाई और अगस्त महीने में आवास की मांग में हमने बहुत तेज (वी आकार की) रिकवरी देखी है। कोविड के बावजूद हमारे फ्लैट देखने 1000 से ज्यादा लोग आए। साथ ही हम देख रहे हैं कि ग्राहक बेहतर ब्रांड, गुणवत्ता, आश्वासन चाहते हैं और कीमतों को लेकर वे बहुत दृढ़ नहीं हैं।’ वित्त वर्ष 2021 की जून तिमाही में ओबेरॉय रियल्टी का कर पूर्व मुनाफा 81.6 प्रतिशत घटा है।
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट की हाल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई महानगर क्षेत्र में 60 लाख से 1.2 करोड़ रुपये तक की संपत्तियोंं की मांग ज्यादा रही है, जिनका कॉर्पेट एरिया 400 से 800 वर्गफुट है। खरीदार 30 से 35 साल उम्र के हैं, जो इस समय किराये पर रह रहे हैं।
डेवलपरों का कहना है कि आसानी से कर्ज उपलब्ध होने और प्रवासी भारतीयों की मांग की वजह से भी बिक्री में सुधार हुआ है।
उदाहरण के लिए ब्रिगेड इंटरप्राइजेज का कन्वर्शन अनुपात महामारी के बाद 20 प्रतिशत ऊपर गया है और बिक्री वाली संपत्ति का आकार भी कुल मिलाकर 15 प्रतिशत बढ़ा है। ब्रिगेड इंटरप्राइजेज के आवासीय क्षेत्र के सीईओ राजेंद्र जोशी ने कहा कि पूरी हो चुकी इकाइयों की हिस्सेदारी कुल बिक्री में बढ़कर 50 प्रतिशत हो गई है। जोशी ने कहा, ‘अप्रैल से जून के बीच हमारी कुल बिक्री में एनआरआई ग्राहकों की हिस्सेदारी एक चौथाई रही है। कोविड के पहले उनकी हिस्सेदारी करीब 12 प्रतिशत होती थी।’ जोशी ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि दीपावली तक पूरी रिकवरी हो जाएगी।
बेंगलूरु की श्रीराम प्रॉपर्टीज के चेयरमैन मुरली मलयप्पन ने कहा कि पहले कुल साइट विजिट में कन्वर्शन अनुपात 2 से 3 प्रतिशत था, जो अब 15 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है।
मलयप्पन ने कहा, ‘हम कोविड के पहले की बिक्री की तुलना कोविड के वक्त से नहीं कर सकते क्योंकि लॉकडाउन व अन्य प्रतिबंधों के कारण ग्राहक साइट पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।’
बेंगलूरु के एक और रियल एस्टेट डेवलपर सालारपुरिया सत्वा का कन्वर्शन अनुपात कोविड के पहले की तुलना में तीन गुना बढ़ा है।
सालारपुरिया सत्वा मेंं रणनीतिक सलाहकार आद्रिजा अग्रवाल ने कहा, ‘खरीदारों को अभी 25 प्रतिशत भुगतान और शेष 12 महीने में भुगतान और फ्लैक्सी पेमेंट विकल्पों का फायदा मिल रहा है। इससे खरीदारों को त्वरित फैसले लेने में मदद मिली है।’
मुंबई के लोढ़ा डेवलपर्स के कन्वर्शन में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अगस्त में कंपनी को 700 बुकिंग मिली है और 617 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है। कंपनी के मुख्य विक्रय अधिकारी प्रशांत बिंदल ने कहा कि जुलाई-अगस्त के दौरान 1,175 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है, जो जनवरी-फरवरी 2020 में हुए कारोबार के करीब बराबर है।
मुंबई की सनटेक रियल्टी के चेयरमैन कमल खेतान ने भी कहा कि अब तैयार मकानों की मांग बढ़ी है। उन्होंने कहा कि सनटेक रियल्टी के कन्वर्शन दरों में 10-20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो विभिन्न श्रेणियों पर निर्भर है।
