विदेशी निवेश प्रोत्साहन परिषद (एफआईपीबी) ने विदेशी संयुक्त साझेदारी के लिए अहम दिशा-निर्देश तय किए हैं।
एफआईपीबी ने यह स्पष्ट किया है कि निर्माण और विकास व्यापार में विदेशी संयुक्त साझेदारी किसी ऐसे हाउसिंग, वाणिज्यिक परिक्षेत्र, टाउनशिप, रिसॉर्ट, शैक्षणिक संस्थानों, सिटी और क्षेत्रीय टाउनशिप को तब तक नहीं बेच सकती है, जब तक उसका भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्य पूरा न हो जाए।
यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि भारतीय रिटेल डेवलपरों ने अंतरराष्ट्रीय हाउसिंग कंपनियों से अपनी परियोजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए गठजोड़ कर रही है।
एफआईपीबी ने यह निर्णय पिछले महीने लिया था, जब सिंगापुर की कंपनी केप्पल लैंड लिमिटेड का संयुक्त वेंचर केप्पल-पूर्वांकर डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड (केपीडीएल) ने अपनी 51 फीसदी हिस्सेदारी के तहत 1.5 एकड़ भूखंड (कुल अधिग्रहित भूखंड 62 एकड़) बेचने का निर्णय किया, जिसे बेंगलुरु में एक टाउनशिप परियोजना के विकास में इस्तेमाल करना था।
केप्पल लैंड, के प्पल समूह की एक कंपनी है, जिसका व्यापार विदेशों में विस्तारित है और यह सामुद्रिक बुनियादी ढांचा और प्रॉपर्टी विकास का कारोबार करती है।
केपीडीएल की यह परियोजना अभी प्रस्तावित ही थी और 1.5 एकड़ जमीन पर कोई काम नहीं हो सका, तो कंपनी ने यह निर्णय किया कि अविकसित भूमि को मौजूदा बाजार भाव पर बेच दिया जाए। यह जमीन पूर्वांकर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड से ली गई थी। इसके समर्थन में यह कहा गया था कि कर्नाटक कानून के तहत इस जमीन की बिक्री पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है।
एफआईपीबी के मुताबिक, परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्य पूरा होने पर बेचने की अनुमति
अविकसित भूखंड की बिक्री को रियल एस्टेट लेन-देन की श्रेणी किया जाएगा