वैश्विक आर्थिक संकट की गाज अब हीरा कारीगरों पर गिरने वाली है। मंदी के चलते मांग में आई कमी से परेशान हीरा कारोबारियों ने मुंबई और सूरत के हीरा कारखानों को 60 दिनों के लिए बंद कर दिया है।
कारखाने खुलने पर भी सिर्फ 50 से 60 फीसदी लोगों को काम दिया जाएगा, यानी सीधे तौर पर करीब 3 लाख लोगों की छंटनी कर दी गई है।अंतरराष्ट्रीय बाजार, विशेषकर अमेरिकी बाजारों में भारतीय हीरे की मांग में आई कमी की वजह से हीरा कारोबारियों के पास पहले से ही तैयार माल पड़ा है, जिसका खरीदार नहीं है।
अब और हीरों की कटिंग की जरूरत नहीं है। घाटे को कम करने के लिए कारोबारियों ने वेतन और कटिंग रेट में कमी, बिना वेतन के लंबी छुट्टी और कर्मचारियों की पूरी तरह से छंटनी जैसे सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। ज्यादातर कारोबारियों ने अपने कारीगरों को दशहरे के पहले से ही छुट्टी पर भेज दिया है।
नकारी के मुताबिक, सूरत और मुंबई के हीरा कारखानों में हीरा कटिंग और पॉलिश का काम करने वाले कारीगरों को दशहर के लिए 15 दिन और दीवाली के नाम पर 45 दिनों की लंबी छुट्टी दी गई है। इस तरह कुल मिलाकर 60 दिनों की लंबी छुट्टी पर हीरा कारीगर भेज दिए गए हैं।
छुट्टी पर भेजे गये कारीगरों में लगभग 40 फीसदी को काम पर न आने की नोटिस भी दे दी गई है। देशभर में हीरा कटिंग और पॉलिस के काम में 15-16 लाख लोग कार्यरत हैं। जिनमें से डायमंड हब सूरत के कतरगांव और वरसा रोड इलाके में करीब 7 लाख हीरा कारीगर काम करते हैं।
लगभग इतनी ही संख्या में मुंबई के चर्नी रोड, बांद्रा, अंधेरी, जोगेस्वरी, गोरेगांव, मलाड, बोरिवली, दहिसर, वसई और नालासोपारा में कच्चे हीरों की कटिंग और पॉलिश का काम करने वाले हीरा कामगार हैं। हीरा कारोबारियों ने शायद इस मंदी को पहले ही भांप लिया था, इसीलिए कारीगारों के वेतन और कटिंग एवं पॉलिश रेट में कटौती शुरू कर दी थी।
सूरत में एक कच्चे हीरे की कटिंग केलिए 1990 में 40 रुपये दिए जाते थे, जो इस समय 20 रुपये दिए जा रहे हैं। जबकि मुंबई में एक साल पहले हीरा पॉलिश के लिए लगभग 80 रुपये मिलते थे जिसको कम करके 25 रुपये में ही काम कराया जा रहा है। हीरा कारीगर सर्वेश के अनुसार मजबूरी में काम करना पड़ रहा है लेकिन अब तो वह काम भी बंद हो गया ।
सूत्रों के अनुसार मुंबई में कारखानों की बंदी 90 दिनों तक की हो सकती है।जेम्स एंड ज्वेलरी एसोसिएशन के चेयरमैन संजय कोठारी इस मुद्दे पर कहते हैं कि मंदी के चलते 25 फीसदी से ज्यादा तक मांग में कमी आई है, दिसंबर महीने में आने वाले आकड़ों में पूरी तरह से तस्वीर साफ होगी कि डायमंड कारोबार में कितने प्रतिशत की गिरावट हुई है।
कारखानों को कितने दिन के लिए बंद किया जाए इसका अभी निर्णय लेना बाकी है फिर भी कम से कम 40 दिन तक तो कारखाने बंद ही रहेंगें। समीर डायमंड के अश्विन मेहता कहते है कि अगले छह महीनों में स्थिति में सुधार होगा और हीरा कारोबार एक बार फिर से चमकेगा। हीरा कारोबारियों की इस समय सबसे परेशानी पेमेंट डिफॉल्ट की हैं।
मुंबई और सूरत के हीरा कारखाने 60 दिनों के लिए बंद
करीब 3 लाख लोगों पर लटकी छंटनी की तलवार
मांग घटने से कारोबारी परेशान