तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के अध्ययन के लिए सर्वोच्च अदालत की ओर से नियुक्त तीन सदस्यीय समिति के एक अहम सदस्य अनिल घनवट ने माना है कि उनकी ओर से दी गई रिपोर्ट के सार्वजनिक होने पर किसानों और सरकार के बीच गतिरोध दूर होगा। उन्होंने कहा है कि रिपोर्ट में उनकी ओर से की गई सिफारिशों से संभवत: 8 महीने से आंदोलित किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को तोडऩे में मदद मिलेगी।
घनवट ने हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का अनुरोध किया है। घनवट ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘मुझे ऐसा लगता है कि यदि रिपोर्ट की विषय वस्तु को सार्वजनिक किया जाता है तो इससे एक स्वस्थ चर्चा का माहौल बनेगा और यदि कोई अनावश्यक डर नहीं है तो गतिरोध को समाप्त करने में मददगार साबित हो सकता है।’
