सरकार के ई-श्रम पर पंजीकरण इस सप्ताह 8 करोड़ पार कर गया है। बहरहाल सरकार को अभी लंबी राह चलना बाकी है क्योंकि वह कुल कार्यबल के सिर्फ पांचवें हिस्से को अभी आकर्षित कर पाई है।
इसके अलावा पंजीकरणों में 5 राज्यों की हिस्सेदारी तीन चौथाई है, जिसमें से सिर्फ पश्चिम बंगाल की हिस्सेदारी एक चौथाई है।
इसमें महिलाओं के पंजीकरण की एक अहम धारणा उभरकर सामने आई है। महिला कार्यबल की हिस्सेदारी की दर भारत में बहुत कम है। वहीं संयुक्त राष्ट्र वैश्विक समग्र भारत अध्ययन, 2020 के आंकड़ों के मुताबिक यह घटकर 24.8 प्रतिशत रह गई है। वहीं ई-श्रम पोर्टल पर महिलाओं का पंजीकरण पुरुषों की तुलना में ज्यादा है। बिजनेस स्टैंडर्ड के एक विश्लेषण से पता चलता है कि जिन राज्यों के कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी नगण्य है, उन राज्यों में भी 50 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं का पंजीकरण हुआ है।
अगर पूरे देश के आंकड़े देखें तो 51.66 प्रतिशत पंजीकरण महिलाओं का हुआ है। बिहार से कुल पंजीकरण में 56 प्रतिशत महिलाएं हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश में कुल पंजीकरण में 50.75 प्रतिशत महिलाएं हैं। सिर्फ 4 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में महिलाओं का पंजीकरण उनके राष्ट्रीय पंजीकरण औसत से कम है। इसमें दो तिहाई कामगार 18 से 40 साल उम्र के हैं, वहीं 10.77 प्रतिशत पंजीकरण 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों ने कराए हैं। पोर्टल के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि कुल पंजीकरण में 87 प्रतिशत ने अपने बैंक खाते जोड़े हैं। पंजीकरण कराने वालों में 53 प्रतिशत कृषि से जुड़े हुए हैं, वहीं निर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 12.19 प्रतिशत है।