सौर उपकरण की घटती कीमतों, विदेशी और निजी-इक्विटी समर्थित कंपनियों की बढ़ी हुई भागीदारी से देश में सौर शुल्क घटकर 2 रुपये प्रति इकाई के रिकॉर्ड निम्न स्तर पर आ गया। यह गिरावट ऐसे समय पर हुई है जब भारतीय सौर बिजली डेवलपर चीनी सौर उपकरण के आयात पर प्रतिबंध का सामना कर रहे हैं।
भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) द्वारा सोमवार को 1070 मेगावॉट सौर बिजली परियोजनाओं के लिए आयोजित नीलामी में सऊदी अरब स्थित अल जोमैह एनर्जी ऐंड वाटर कंपनी लिमिटेड तथा सिंगापुर स्थिति सेम्बकॉर्प इंडस्ट्रीज की इकाई ग्रीन इन्फ्रा विंड एनर्जी लिमिटेड ने क्रमश: 200 मेगावॉट और 400 मेगावॉट क्षमता के लिए न्यूनतम दर की बोली लगाई थी।
आईडीएफसी सिक्योरिटीज ने मंगलवार को अपने नोट में कहा था कि इतनी कम बोली का कारण यह है कि वहां खरीद की सुरक्षा है। नोट में कहा गया है, ‘बोली राजस्थान में सौर संयंत्र स्थापित करने के लिए है और राज्य की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के साथ बिजली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किया जा चुका है।’
एसईसीआई पूर्ण रूप से नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के स्वामित्व वाली इकाई है जिसके ऊपर देश में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए निविदा की प्रक्रिया शुरू करने की जिम्मेदारी है। अल-जोमैह एनर्जी ऐंड वाटर एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है जिसका मुख्यालय सऊदी अरब के दमाम में है। इसका स्वामित्व सऊदी स्थित उद्यमों के हाथ में है।
