सस्ते कर्ज के बीच कोविड मामले थमने और टीकाकरण अभियान जोर पकडऩे से रियल एस्टेट में तेजी से सुधार देखने को मिल रहा है। दो प्रमुख रियल एस्टेट सलाहकार और रिसर्च फर्म द्वारा आज जारी रिपोर्ट में इस वर्ष की तीसरी तिमाही में घरों की बिक्री और लॉन्चिंग में भारी वृद्धि देखी गई है। बिक्री के आंकड़े कोविड के पहले के स्तर को भी पार कर चुके हैं। लोग पहले से ज्यादा बड़ा घर खरीदने को तरजीह दे रहे हैं।
नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष की तीसरी तिमाही जुलाई—सितंबर में घरों की 92 फीसदी बढ़कर 64,010 हो गई। जो दूसरी तिमाही में बिके 27,453 घरों के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा है। साथ ही ये आंकडे कोरोना से पहले वर्ष 2019 के दौरान तिमाही के औसतन बिक्री आंकडों से 104 फीसदी अधिक है।
हैदराबाद, बेंगलुरू और मुंबई के बाजार में इस तिमाही के दौरान सालाना आधार पर बिक्री में क्रमश: 272, 131 और 109 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। ये तीनों बाजार का कुल इनवेंट्री में आधे से अधिक हिस्सा है।
दिल्ली एनसीआर में घरों की बिक्री 48 फीसदी बढ़ी है। वहीं रियल्टी सलाहकार फर्म जेएलएल की रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष की तीसरी तिमाही में 32,358 घर बिके, जो पिछली समान अवधि में बिके 14,415 घरों से दोगुने से भी अधिक हैं। तीसरी तिमाही में घरों की बिक्री के आंकडे कोविड के पहले के स्तर से 18 फीसदी ज्यादा रहे।
बिक्री के साथ ही नए घरों की लांचिंग भी बढ़ रही है। नाइट फ्रैंक इंडिया के मुताबिक तीसरी तिमाही में 58,967 घरों की लॉन्चिंग हुई, जो पिछली समान तिमाही से 90 फीसदी है।
जेएलएल के मुताबिक इस वर्ष की तीसरी तिमाही में 32,863 घर लॉन्च हुए, जो पिछली समान अवधि में लॉन्च हुए 12,654 घरों से ढाई गुना ज्यादा है।
लोग पहले से ज्यादा बड़े घर खरीदने को तरजीह दे रहे हैं। तीसरी तिमाही में 50 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये कीमत वाले घरों का हिस्सा बढ़कर 35 फीसदी हो गया है, जो पिछली समान तिमाही के 32 फीसदी हिस्से से अधिक है। इसकी वजह खरीदारों की बेहतर सुविधाओं के साथ बड़े घरों में रहने की आवश्यकता है। 50 लाख रुपये से कम कीमत वाले घरों की बिक्री का हिस्सा 45 फीसदी से घटकर 43 फीसदी रह गया। इसकी वजह है किमहामारी के कारण आमदनी में आए व्यवधान ने कम आय वाले लोगों को ज्यादा प्रभावित किया।
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, ‘2021 की तीसरी तिमाही में बिक्री और लॉन्च में जबरदस्त सुधार हुआ है। ऐसा लगता है कि बाजार ने टीके की पर्याप्त उपलब्धता की वजह से पूर्ण लॉकडाउन की बेहद कम संभावना को आत्मसात कर लिया है, जैसा कि पिछले साल देखा गया था। तुलनात्मक रूप से कम आवासीय कीमतें, आकर्षक ब्याज दरों और पिछले वर्ष की तुलना में उच्च घरेलू बचत दर आगे चलकर आवास की मांग को बढ़ा सकता है।
आगामी त्योहारी सीजन के साथ बाजार नई परियोजना लॉन्च करने के लिए कमर कस रहा है और उपभोक्ताओं की तरफ से भी खरीदारी की संभावनाएं बन रही हैं। वित्तीय तनाव हालांकि पूरे बाजारों में बिल्डरों के लिए एक महत्त्वपूर्ण कारक बना हुआ है। लेकिन ग्रेड ए बिल्डरों के लिए खरीदारों की प्राथमिकता और सस्ते कर्ज तक उनकी पहुंच ने उन्हें इस उभरते बाजार में अच्छी स्थिति में ला दिया है।’
कई राज्यों द्वारा स्टाम्प शुल्क में कटौती से बिक्री बढ़ रही है। आगामी त्योहारी सीजन में भी बिक्री अच्छी होने की उम्मीद है। जेएलएल इंडिया में आवास क्षेत्र के प्रमुख शिवा कृष्णन कहते हैं कि तीसरी तिमाही में घरों की बिक्री व लॉन्चिंग में अच्छा खासा सुधार हुआ है और यह कोविड के पूर्व स्तर की ओर बढ रही है। आगामी तिमाही में भी बिक्री में इजाफा होने की संभावना है।
