कोविड-19 टीके के उपयोग की आपात मंजूरी मिलने के दस दिन के अंदर स्वास्थ्य मंत्रालय इसे उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। हालांकि इस बारे में अंतिम निर्णय सरकार द्वारा लिया जाएगा। देश में 3 जनवरी को कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल का मंजूरी दी गई है।
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने आज कहा, ‘टीकाकरण अभ्यास में मिली प्रतिक्रिया के आधार पर हम आपात मंजूरी मिलने के 10 दिन के अंदर कोविड-19 टीके की पेशकश करने के लिए तैयार हैं। लेकिन टीकाकरण शुरू करने के बारे में अंतिम निर्णय सरकार द्वारा लिया जाएगा।’
देश में कोविड और टीके की स्थिति पर साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भूषण ने कहा कि चिकित्सकों एवं नर्सों सहित स्वास्थ्यकर्मियों और मोर्चे पर अग्रिम पंक्ति में डटे पुलिस, होम गार्ड जैसे लोगों को टीके के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर खुद को पंजीकृत नहीं कराना होगा। उनका ब्योरा पहले ही टीका आपूर्ति प्रबंधन प्रणाली को-विन पर अपलोड किए जा चुके हैं।
50 साल से अधिक उम्र के लोगों, जिन्हें कोई और बीमारी है, उसके बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक समिति कोविड होने की स्थिति में संबंधित बीमारियों और मौत के खतरे के बीच संबंध का अध्ययन कर रही है। समिति सुझाव देगी कि इस वर्ग में शीर्ष प्राथमिकता वाले कौन हैं और उनका टीकाकरण कैसे किया जाए। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा, ‘हम टीकाकरण के लिए करीब-करीब तैयार हैं…बेहद ख्यातिलब्ध लोग इस पर काम कर रहे हैं।’
पॉल ने यह भी कहा कि सख्त वैज्ञानिक जरूरतों को पूरा करने और नियामकीय नियमों का पालन करते हुए ही दो टीके- कोविशील्ड और कोवैक्सीन को आपात उपयोग की मंजूरी दी गई है।
फाइजर और बायोएटेक ने भी अपने टीके की आपात मंजूरी के लिए आवेदन किया है लेकिन उन्होंने अभी इस विषय पर विशेषज्ञ समिति के समक्ष प्रस्तुतिकरण नहीं दिया है। भूषण ने कहा, ‘फाइजर को तीन मौके दिए गए लेकिन वह विशेषज्ञ समिति के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ, समिति उनके प्रस्तुतिकरण को देखना चाहती है।’
टीका निर्माता देशके चार प्रमुख डिपो – करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में अपने टीके हवाई मार्ग से भजेंगे। इन डिपो से टीके को रेफ्रिजेरेटेड वैन के जरिये राज्यों के 37 टीका केंद्रों में भेजा जाएगा। इसके बाद टीके को जिलों में भेजा जाएगा, जहां तापमान नियंत्रक की सुविधा उपलब्ध होगी। उसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में टीका भेजा जाएगा।
भूषण ने कहा, ‘परिवहन और तापमान की जांच डिजिटल नेटवर्क के माध्यम से वास्तविक समय के आधार पर किया जाएगा।’
को-विन प्लेटफॉर्म को 30 करोड़ लोगों के लक्षित समूहों के हिसाब से अद्यतन किया जा रहा है। लाभार्थियों को टीकाकरण के लिए पंजीकरण कराने पर यूनिक हेल्थ आईडी जेनरेट करने का विकल्प दिया जाएगा। यह हेल्थ आईडी सरकार के राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन का हिस्सा है। किसी तरह के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था में आधार सत्यापन की भी जरूरत होगी।
