भारत में कोविड-19 का टीका उपलब्ध होने पर भारत के प्रमुख हवाई अड्डे लचीली परिवहन व्यवस्था और पृथक तापमान नियंत्रण जोन मुहैया कराएंगे जबकि हवाई कार्गो संचालक टीके को लाने ले जाने के लिए कम समय अवधि में कई उड़ानों का संचालन करेंगे। भारत में कोविड-19 का टीका अगले साल की शुरुआत में उपलब्ध होने की संभावना है।
भारत सरकार कोरोनावायरस के प्रत्येक संभावित टीके को लेकर मॉर्डना, फाइजर, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, भारत बायोटेक और जायडस कैडिला से संपर्क में है। मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (सीएसएमआईए) के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुंबई का यह हवाई अड्डा भारत में फार्मा का सबसे बड़ा द्वार है और कोविड-19 के टीके को लाने-जाने के लिए मालवाहक उड़ानों के संचालन के लिए लचीला ‘स्लोट’ आवंटित करेगा। ‘स्लोट’ वह तारीख और समय होता है जिसके तहत विमान को उड़ान भरने और हवाई अड्डे पहुंचने की अनुमति दी जाती है। हवाई कार्गो संचालक ब्लू डार्ट के प्रवक्ता ने कोविड-19 के परिवहन के संबंध में कहा कि उनके पास मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबद, पुणे, कोलकाता, दिल्ली, बेंगलूरु और पुणे जैसे आठ अहम स्थानों पर ‘फार्मा ग्रेड कंडीशनिंग’ कक्ष हैं। ये कक्ष हमारे ब्लू डार्ट विमानन स्टेशन से बहुत निकट स्थित हैं जो टीके की जल्द आपूर्ति करने में मदद करेंगे।
भारत में एक अन्य प्रमुख हवाई कार्गो संचालन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत जैसी बड़ी आबादी वाले देश में कोविड-19 के टीकों को लाने-ले जाने का काम एक बड़ा दायित्व है और उनकी कंपनी जब भी मांग होगी उसके अनुरूप कम समय अवधि में कई उड़ानों का संचालन करने के लिए तैयार है।
एफडीए ने एंटीबॉडी दवाई के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी
अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कोविड-19 से लडऩे में प्रतिरोधक प्रणाली को मदद करने वाली एक ऐसी एंटबॉडी दवाई के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है, जिसे पिछले महीने राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को कोरोनावायरस से संक्रमित होने के बाद दिया गया था। इससे पहले एक और दवाई के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई थी।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने रेजेनेरॉन फार्मास्यूटिकल्स इंक की दवाई के इस्तेमाल की मंजूरी इस कोशिश के तौर पर दे दी कि हल्के से मध्यम लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने जैसी स्थिति या फिर उनकी हालत बिगडऩे से बचाया जा सके। एफडीए ने इस दवाई का इस्तेमाल व्यस्क एवं 12 साल के बच्चों या उससे ज्यादा उम्र के उन लोगों पर करने की अनुमति दे दी जिनका वजन कम से कम 40 किलोग्राम है और वे जो उम्र या अन्य चिकित्सकीय स्थितियों की वजह से गंभीर खतरे का सामना कर रहे हैं। आपात स्थिति में इस दवाई के इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है लेकिन अब भी इसकी सुरक्षा और इसकी प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए अध्ययन चल रहा है। प्रांरभिक परिणामों से पता चला है कि यह दवाई कोविड-19 की वजह से अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर खतरे वाले मरीजों के आपात कक्ष में भर्ती पर रोक लगा सकती है। रेजेनेरॉन ने कहा कि प्रारंभिक खुराक करीब 3,00,000 मरीजों के लिए संघीय सरकार आवंटन कार्यक्रम के जरिये उपलब्ध होगी। भाषा