दिल्ली और हैदराबाद के हवाईअड्डे का संचालन करने वाले जीएमआर समूह का कहना है कि यह 1 दिसंबर से प्रभावी होने वाले नए स्वास्थ्य दिशानिर्देशों पर अमल करने के लिए तैयार है। जीएमआर समूह के प्रवक्ता ने कहा, ‘नए निर्देशों और यात्रियों की सहूलियत का ध्यान रखते हुए हम सभी जरूरी इंतजामों के साथ तैयार रहेंगे। हमने महामारी की पहली लहर के दौरान भी इसी तरह के इंतजाम किए थे। हम टर्मिनल के भीतर यात्रियों के इंतजार करने के दौरान भी कोविड-19 नियमों का पालन करेंगे।’
रविवार की शाम नए दिशानिर्देश जारी किए गए जिसके मुताबिक 12 अधिक जोखिम वाले देशों/क्षेत्रों से आने वाले यात्रियों को आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी। यात्रियों को अपनी जांच रिपोर्ट मिलने तक हवाईअड्डे पर इंतजार करना होगा तभी वे जा पाएंगे या फिर कनेक्टिंग विमान ले पाएंगे। फिलहाल दिल्ली हवाईअड्डे पर यूरोप में ब्रिटेन, फ्रांस, नीदरलैंड और रूस की सीधी विमान सेवा है जिन्हें जोखिम वाला क्षेत्र माना जा रहा है।
दिल्ली हवाईअड्डे पर कोविड जांच लैब चलाने वाले जीनस्ट्रिंग्स डायग्नॉस्टिक सेंटर के मुख्य परिचालन अधिकारी चेतन कोहली का कहना है, ‘हमलोग साल की शुरुआत में दिल्ली हवाईअड्डे पर करीब 5,000 नमूनों की जांच रोजाना कर रहे हैं जब सरकार ने यूरोप, दक्षिण अफ्रीका और पश्चिम एशिया से आने वाले सभी लोगों के लिए जांच अनिवार्य कर दिया। यह आंकड़ा 500 से भी कम हो गया जब सरकार ने हवाईअड्डे पर आने वाले वैसे यात्रियों को आरटी-पीसीआर जांच से छूट दी जिन्हें दोनों टीके लग चुके थे। पहले ज्यादातर नमूने पश्चिम एशिया के यात्रियों के थे। अब नए दिशानिर्देशों के तहत हम एक दिन में 1,500 नमूने की जांच की उम्मीद कर रहे हैं।’
कोहली ने कहा कि लैब, दिल्ली हवाईअड्डे पर अधिक लोगों और मशीनें लगा रही है ताकि लोगों को औसतन चार घंटे के भीतर रिपोर्ट देने का समय कम हो सके। इस वक्त रिपोर्ट तैयार करने में 4-6 घंटे का वक्त लगता है जिसमें नमूने का संग्रह, नमूने का हस्तांतरण, जांच, समीक्षा और दूसरी मैनुअल प्रक्रिया शामिल है।
