केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ई-कॉमर्स नीति तैयार करते समय हरेक शेयरधारकों के हितों का ध्यान रखा जाएगा। गोयल ने आज कहा कि प्रस्तावित ई-कॉमर्स नीति सशक्त एवं संतुलित होगी। गोयल ने कहा कि वह ई-कॉमर्स नीति के मसौदा नियमों पर प्रतिक्रियाओं का स्वागत करते हैं मगर अंतर-विभागीय मुद्दों पर टिप्पणी अवांछनीय है।
ऐसी खबर आई थी कि आंतरिक उद्योग एवं व्यापार संवद्र्धन विभाग (डीपीआईआईटी), उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय और नीति आयोग ने मसौदा ई-कॉमर्स नियमों के कुछ प्रावधानों पर आपत्ति जताई है। गोयल की टिप्पणी इसी खबर के बाद आई है।
खबर में सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत दिए गए एक जवाब का हवाला दिया गया है। इसमें दावा किया गया है कि नीति आयोग को इस बात का अंदेशा है कि मसौदा ई-कॉमर्स नियमों से कारोबार सुगमता को नुकसान पहुंचा सकता है। गोयल ने कहा कि अंतर-मंत्रालीय परामर्श का उद्देश्य विभिन्न पक्षों से उनकी राय एवं टिप्पणी से अवगत होना था। उन्होंने कहा, ‘मैं सभी पक्षों से आई प्रतिक्रियाओं का स्वागत करता हूं और सभी संबंधित पक्षों के साथ तर्कसंगत एवं स्वस्थ्य चर्चा करना चाहता हूं। हम सभी लोगों को हितों को ध्यान में रखते हुए एक मजबूत एवं संतुलित ई-कॉमर्स नीति तैयार करना चाहते हैं।’
उन्होंने कहा कि लोगों की राय, दूसरे विभागों के विचार एवं सभी पक्षों की प्रतिक्रियाएं जाने के लिए मसौदा नियम जारी किए गए हैं। गोयल ने कहा कि सरकार किसी नीति पर अंतिम निर्णय लेने से पहले हमेशा सभी लोगों से विचार-विमर्श करने के पक्ष में रही है। गोयल ने डेटा सुरक्षा कानून, राष्ट्रीय शिक्षा नीित और आभूषण अभिप्रमाणन नियमों का उदाहरण दिया और कि सरकार ने इन पर अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी पक्षों की राय जानने की पहल की थी।
