आयकर (आईटी) विभाग की ओर से 16 ठिकानों पर की गई एक हालिया छापेमारी में 450 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता चला है। यह छापेमारी चेन्नई, मुंबई, हैदराबाद और कडलूर में 16 ठिकानों पर की गई थी।
छापेमारी एक आईटी सेज डेवलपर, उसके पूर्व निदेशक और चेन्नई से स्टेनलेस स्टील के एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता के मामले में की गई थी। विभाग ने नामों का खुलासा नहीं किया है।
विभाग के मुताबिक छापेमारी के दौरान पुर्व निदेशक और उसके परिवार के सदस्यों द्वारा पिछले तीन वर्ष में जमा की गई 100 करोड़ रुपये की बेहिसाबी संपत्ति का पता चला है। इसके अलावा आईटी सेज डेवलपर ने एक निर्माणाधीन परियोजना में करीब 160 करोड़ रुपये के कार्य प्रगित पर है से संबंधित फर्जी खर्चों का दावा किया। डेवलपर ने एक परिचालित परियोजना में फर्जी परामर्श शुल्क के नाम पर करीब 30 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का भी दावा किया। साथ ही इकाई ने करीब 20 करोड़ रुपये के अस्वीकार्य ब्याज खर्च का भी दावा किया। छापेमारी में आईटी सेज डेवलपर से संबंधित कुछ शेयर खरीद लेनदेनों का भी पता चला। इस कंपनी के शेयरों को इसके पूर्व के शेयरधाकों, एक निवासी और एक अनिवासी इकाई द्वारा बेचा गया था जिसने मॉरिशस के मध्यस्थ के माध्यम से 2017-18 में करीब 2,300 करोड़ रुपये के उसके निवेश को प्रभावित किया लेकिन इस बिक्री लेनदेन से होने वाली पूंजीगत कमाई का खुलासा विभाग के समक्ष नहीं किया गया।
विभाग ने कहा कि दोनों शेयरधारकों को इसमें कितना पूंजीगत लाभ हुआ यह निर्धारित करने के लिए जांच जारी है। अन्य जमीन के सौदों जिनमें नकद भुगतान किया गया था और अनिवार्य परिवर्तनीय डिबेंचर से संबंधित एक मुद्दा भी जांच के दायरे में है।
छापेमारी के दौरान स्टेनलेस स्टील आपूर्तिकर्ता के परिसर में विभाग ने पाया कि आपूर्तिकर्ता समूह तीन प्रकार से बिक्री कर रहा है पहली जिसका लेखा जोखा है, दूसरी जिसका कोई लेखा जोखा नहीं है और तीसरी आंशिक लेखा जोखा वाली। हर साल की बिक्री में बिना लेखा जोखा और आंशिक लेखा जोखा वाली बिक्री की हिस्सेदारी 25 फीसदी से अधिक होती है। इसके अलावा, कर निर्धारिती समूह ने विभिन्न ग्राहकों को सेल अकोमोडेशन बिल दिया और इन सौदों पर 10 फीसदी से अधिक का कमिशन हासिल किया। एक ओर जहां फिलहाल बेहिसाबी आय का आकलन किया जा रहा है, अनुमानित तौर यह करीब 100 करोड़ रुपये है। निर्धारिती समूह से संबंधित प्रसंग वित्त पोषण, धन उधार देने और रियल एस्टेट डेवलपमेंट से जुड़े हैं। इन इकाइयों द्वारा किया गया बेहिसाबी लेनदेन और इन इकाइयों में बेहिसाब पूंजी/ऋण निवेश अनुमानित तौर पर करीब 50 करोड़ रुपये है।
