केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केन एवं बेतवा नदी को आपस में जोडऩे संबंधी परियोजना को आज मंजूरी प्रदान कर दी जिस पर 44,605 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसे आठ वर्षो में पूरा किया जाएगा। बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई जिससे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बुंदेलखंड इलाकों के लोगों को पेयजल, कृषि कार्यों के लिए सिंचाई एवं अन्य लाभ प्राप्त होंगे। उन्होंने बताया कि इस परियोजना से 103 मेगावाट पनबिजली और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा सृजित होगा।
एक सरकारी बयान के अनुसार, केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को लागू करने के लिए विशेष उद्देश्यीय कंपनी क गठन किया जाएगा जिसे केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना प्राधिकार (केबीएलपीए) कहा जाएगा।
केन-बेतवा लिंक परियोजना की कुल लागत 44,605 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो 2020-21 की कीमतों के आधार पर है। इसमें कहा गया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने परियोजना के लिये केंद्रीय समर्थन के रूप में 39,317 करोड़ रुपये, सहायक अनुदान के रूप में 36,290 करोड़ रुपये और ऋण के रूप में 3,027 करोड़ रुपये की धनराशि को मंजूर किया है। इस परियोजना के तहत 10.62 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सालभर सिंचाई हो सकेगी तथा 62 लाख लोगों को पेयजल की आपूर्ति संभव होगी। इसमें भूजल रिचार्ज से जुड़े प्रावधान भी हैं। बयान के अनुसार, इसके तहत मध्य प्रदेश में 8.11 लाख हेक्टेयर तथा उत्तर प्रदेश में 2.11 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित की जा सकेगी। इसके तहत उत्तर प्रदेश में दो बराज का निर्माण किया जाएगा। केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना दो राज्यों उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच नदियों को जोडऩे की अहम परियोजना है। इस परियोजना से मध्य प्रदेश में छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी जिलों को पानी मिलेगा, वहीं उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिलों को राहत मिलेगी।
इस परियोजना के तहत केन नदी से बेतवा नदी में पानी भेजा जाएगा। इसे दाऊधाम बांध के निर्माण तथा दोनों नदियों से नहर को जोडऩे, लोअर उर परियोजना, कोठा बैराज और बीना कॉम्प्लेक्स परियोजना के जरिये पूरा किया जाएगा। सरकार का मानना है कि यह परियोजना भारत में नदियों को आपस में जोडऩे की अन्य परियोजनाओं का भी मार्ग प्रशस्त करेगी तथा विश्व के सामने हमारी बुद्धिमत्ता और दृष्टिकोण का परिचय देगी।
