ऐपल केवल ई-सिम वाले आईफोन 14 सीरीज के फोन अमेरिकी बाजार में उतारने जा रहा है। कंपनी के इस फैसले से अमेरिकी खरीदार हैरान है। हैरानी की बात यह भी है कि भारतीय बाजार के लिए बने आईफोन 14 सीरीज के फोन में सामान्य सिम स्लॉट की उपलब्धता के बावजूद, इसने कुछ भारतीय उपभोक्ताओं को भी स्तब्ध कर दिया। ऐसा इसलिए कि भारत में बड़ी संख्या में ऐपल उपभोक्ताओं को आईफोन अपने रिश्तेदारों, दोस्तों, परिवार आदि के माध्यम से अमेरिका से काफी सस्ता मिल जाता है। उनकी आशंका ज्यादातर भारतीय नेटवर्क के साथ तालमेल और भारत में ई-सिम की उपलब्धता के बारे में है।
विश्लेषकों का मानना हैं कि तकनीक के प्रति जागरूक उपभोक्ता जो भारतीय दूरसंचार ऑपरेटरों को जानते हैं कि वे ई-सिम सेवाएं प्रदान करते हैं, वे अभी भी अमेरिका केंद्रित आईफोन 14 श्रृंखला के फोन खरीदेंगे। अन्य लोग या तो भारतीय बाजार के लिए बने आईफोन 14 सीरीज के फोन खरीदेंगे या दुबई जैसे गंतव्यों को देख सकते हैं, जहां आईफोन अमेरिका की तुलना में कुछ अधिक महंगे हैं, लेकिन फिर भी भारत की तुलना में बहुत सस्ते हैं।
साइबर मीडिया रिसर्च में इंडस्ट्री इंटेलिजेंस ग्रुप के प्रमुख प्रभु राम कहते हैं ‘यह देखते हुए कि अमेरिकी बाजार के लिए बने आईफोन को भारत में पहले दिन से ई-सिम स्पोर्ट की आवश्यकता होगी फिर भी तकनीक के प्रति जागरूक उपभोक्ता अभी भी वहां से आईफोन खरीदना जारी रख सकते हैं। दूसरे उपभोक्ताओं के लिए भारतीय बाजार के लिए बने आईफोन खरीदना ज्याद बेहतर विकल्प हैं।’
टेकआर्क के मुख्य विश्लेषक फैसल कावोसा कहते हैं, ‘इस साल आईफोन खरीदने वाले कई भारतीयों के लिए दुबई एक बेहतर गंतव्य हो सकता है। क्योंकि दुबई में आईफोन भारत से कम कीमत पर भौतिक सिम स्लॉट के साथ उपलब्ध है। यह उपभोक्ताओं के लिए दोनों हाथों में लड्डू होने के जैसा हैं। दुबई से उपभोक्ता भौतिक सिम स्लॉट के साथ अपनी पसंद का आईफोन भारत से कम कीमत पर खरीद सकते है।
ऐपल दुनियाभर के स्मार्ट फोन बाजार में ट्रेंडसेटर रहा है, कई मौकों पर अन्य ब्रांडों ने अप्राप्य रूप से ऐपल की नकल की है। आईफोन से हेडफोन का जैक हटाना, नॉच स्क्रीन और फोन के साथ चार्जर नहीं देना इसके कुछ उदाहरण हैं। इसी तरह अब ई-सिम वाले स्मार्टफोन के ट्रेंड बनने की संभावना है जिसकी शुरुआत ऐपल ने कर दी है।
राम कहते हैं, ‘अमेरिकी बाजार में केवल ई-सिम स्पोर्ट वाले आईफोन 14 सीरीज के फोन लॉन्च करना तकनीक में बदलाव का एक स्पष्ट संकेत है। भले ही अल्पकाल में इस प्रौद्योगिकी को अपनाने में कई तरह की अस्थायी चुनौतियों क्यों न हो?’ ई-सिम (अंतर्निहित सिम) स्मार्टफोन में पहले से ही लगी हुई एक चिप है जिसको दोबारा से प्रोगाम किया जा सकता है। ई-सिम के अपने नफा-नुकसान हैं लेकिन यह भौतिक सिम से निस्संदेह बेहतर है। ऐसा इसलिए क्योंकि ई-सिम को दोबारा से प्रोग्राम किया जा सकता है और इस तरह से एक ही चिप में कई प्रोफाइल का डेटा रख सकते हैं। आसान शब्दों में कहें तो ई-सिम वाला स्मार्टफोन कई सिम प्रोफाइल को सेव कर सकता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए सुविधा प्रदान करता है जिनके पास एक से अधिक सक्रिय कनेक्शन हैं।
सुरक्षा ई-सिम की एक अन्य विशेषता है। इसे फोन से बाहर नहीं निकाला जा सकता है, इस कारण फोन चोरी होने या खो जाने की स्थिति में भी इसका दुरुपयोग नहीं किया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए ई-सिम दूरसंचार कनेक्शन के लिए नामांकन करना और गंतव्य पर पहुंचने से पहले इसे सक्रिय करना आसान बनाता है। मगर यह केवल उन देशों में काम करता है जहां दूरसंचार ऑपरेटरों द्वारा ई-सिम सेवा की पेशकश की जाती है।
भारत में सैमसंग गैलेक्सी एस सीरीज, गूगल पिक्सल सीरीज और आईफोन जैसे प्रीमियम स्मार्टफोन के लिए भौतिक सिम के साथ-साथ ई-सिम सेवा उपलब्ध हैं। भारतीय बाजार के लिए बनाए गए स्मार्टफोन में हाइब्रिड सिम की व्यवस्था में शायद कोई बदलाव होने की संभावना नहीं है। विश्लेषकों का मानना है कि यह दूरसंचार ऑपरेटरों और फोन निर्माताओं दोनों के लिए ई-सिम के बारे में जागरूकता पैदा करने का समय है।
राम कहते हैं, ‘भविष्य ई-सिम का है, भारतीय दूरसंचार कंपनियों को उन संभावित परिवर्तनों के अनुकूल होने के लिए तैयार किया जाएगा। उपभोक्ताओं के बीच ई-सिम को लेकर जागरूकता और विश्वास पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा।’
