कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर आने की आशंका के बीच देश में अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों ने युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। अस्पताल और नगर निकायों से लेकर दवा दुकानदार, दवा कंपनियों सहित सभी किसी भी आपात स्थिति से निपटने में जी जान से जुट गए हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) ने कहा कि भारत में तीसरी लहर आई तो संक्रमण के दैनिक मामले अधिकतम6 लाख तक पहुंच सकते हैं। एनआईडीएम के अनुसार दूसरी लहर में दैनिक संक्रमण के आंकड़ों से यह लगभग दो गुना अधिक होगा। हालांकि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) का अनुमान थोड़ा अलग है।
बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश ककाणी ने इस सप्ताह के शुरू में कहा था कि कोविड महामारी की तीसरी लहर दूसरी लहर की तरह भयावह नहीं होगी। ककाणी का कहना है कि मुंबई में टीकाकरण तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा, ‘मुंबई में वयस्क आबादी में 73 प्रतिशत लोगों को कम से कम एक खुराक लग चुकी है। लगभग 25 प्रतिशत लोगों को दोनों खुराक लग चुकी है।’ तीसरी लहर आने से पहले बीएमसी शहर में कम से कम 90 प्रतिशत लोगों को पहली खुराक लगा देना चाहता है।
एनआईडीएम की रिपोर्ट में भी टीकाकरण पर खास जोर दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में करीब 7.6 प्रतिशत लोगों को कोविड महामारी से बचाव के टीके की दोनों खुराक लग चुकी है। इसमें कहा गया है, ‘पंडित दीनदयाल एनर्जी यूनिवर्सिटी और निरमा यूनिवर्सिटी ने मिलकर एक शोध किया है जिसके अनुसार देश में इस समय टीकाकरण की दर 3.2 प्रतिशत है। अगर इसमें सुधार नहीं होता है तो तीसरी लहर आने पर देश में दैनिक संक्रमण के मामले 6 लाख से अधिक हो सकते हैं।
तीसरी लहर कितनी भी भयावह क्यों नहीं हो लेकिन देश में स्वास्थ्य ढांचा चाक चौबंद किया जा रहा है। उदाहरण के लिए दिल्ली के दवा नियंत्रण विभाग ने दवा विनिर्माता संघ को कोविड-19 संक्रमण से बचाव की आवश्यक दवाओं का पर्याप्त भंडार रखने के लिए कहा है। संघ को विशेष रूप से काला फफूंद और बच्चों में मल्टीसिस्टम इनफ्लामेटरी सिंड्रोम की दवा का इंतजाम रखने के लिए कहा गया है।
अस्पतालों का कहना है कि राज्य प्रशासन ने उन्हें मामले बढऩे की हालत में तत्काल तैयार रहने के लिए कहा है। बेंगलूरु स्थित मणिपाल हॉस्पिटल्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी दिलीप होसे ने कहा, ‘विशेष रूप सेे कोई निर्देश तो नहीं आया है लेकिन अधिकारियों ने हमें सतर्क रहने के लिए का है। स्वास्थ्य ढांचे के लिहाज से हम अपनी तैयारी पुख्ता रख रहे हैं। संक्रमण रोकने के लिए जो भी जरूरी होगा हम वह करेंगे।’
इसी तरह, मुंबई का फोर्टिस हॉस्पिटल स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है। इस अस्पताल में निदेशक (क्रिटिकल केयर) राहुल पंडित ने कहा कि उन्होंने प्रत्येक मरीज द्वारा ऑक्सीजन के इस्तेमाल का आकलन करने के लिए एक आंतरिक ऑक्सीजन समिति गठित की गई है। राज्य सरकारों ने भी पिछले कुछ महीनों के दौरान गांव-गांव तक ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए हैं।