देश में कॉरपोरेट क्षेत्र की हस्तियां अपने कारोबार को चलाने में सक्षम हैं और वे अपनी कंपनियों के मुनाफे के लिए कड़ी मेहनत करने के साथ ही कई दफा निदेशक मंडल में संघर्ष भी करते हैं साथ ही एक हकीकत यह भी है कि कंपनी जगत ने अपनी सफलता की बदौलत समाज की मदद भी की है।
मंगलवार को जारी 2020 के लिए एडलगिव हुरुन इंडिया परोपकार की सूची में विप्रो के पूर्व अध्यक्ष 75 वर्षीय अजीम प्रेमजी 7,904 करोड़ रुपये के दान के साथ सबसे अव्वल रहे हैं। इससे पहले वित्त वर्ष यानी 2018-19 में प्रेमजी ने 426 करोड़ रुपये का दान दिया था। इस फेहरिस्त में एचसीएल टेक्नोलॉजीज के संस्थापक चेयरमैन शिव नाडर दूसरे स्थान पर रहे। नाडर ने 2019-20 में 795 करोड़ रुपये का दान दिया जबकि एक साल पहले यह राशि 826 करोड़ रुपये थी। रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी सूची में तीसरे स्थान पर हैं। उन्होंने पिछले वित्त वर्ष में 458 करोड़ रुपये का दान दिया जो एक साल पहले 402 करोड़ रुपये था।
इसके बाद आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला, और वेदांत समूह के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का नाम भी इस सूची में शामिल है। बिड़ला ने इस सूची में शीर्ष पांच में अपनी जगह पहली बार बनाई है और शीर्ष 10 शख्सियतों में सबसे कम उम्र के हैं। हैरानी की बात यह है कि इस सूची में इस अवधि के दौरान टाटा समूह की परोपकारी गतिविधियों का जिक्र नहीं है। परोपकारिता का काम करने वाली सूची में सात महिलाओं को भी जगह मिली है जिसमें रोहिणी नीलेकणि (47 करोड़ रुपये का दान) का नाम देश की सबसे उदार महिला होने के नाते शीर्ष पर है।
