तेल पर सरकार भले ही धनी लोगों से अधिक उगाही के बारे में अभी सोच ही रही हो।
लेकिन तेल कंपनियों ने प्रीमियम के नाम पर शहरी उपभोक्ताओं के साथ पेट्रोल पंप मालिकों से अतिरिक्त उगाही करनी शुरू भी कर दी है। प्रीमियम तेल बेचने की इसी बंदिश के कारण दिल्ली, मुंबई व अन्य महानगरों के पेट्रोल पंप मालिकों को अपने कारोबार के खिसकने की आशंका सताने लगी है।
क्योंकि प्रीमियम पेट्रोल जहां सामान्य पेट्रोल के मुकाबले 4 रुपये प्रति लीटर महंगा है, वहीं प्रीमियम डीजल की कीमत सामान्य के मुकाबले 2.25 रुपये प्रति लीटर अधिक है। दिलचस्प बात यह है कि तेल कंपनियों ने इस शर्त को लागू करने के लिए किसी प्रकार का कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया है। ऐसे में पंप मालिकों के सामने अजीबोगरीब संकट पैदा हो गया है।
वे तेल कंपनियों के इस गैरलिखित नियम को चुनौती भी नहीं दे सकते हैं और प्रीमियम तेल बेचने से मना भी नहीं कर सकते हैं। क्योंकि जब पेट्रोल पंप मालिक तेल की आपूर्ति लेते हैं तो तेल कंपनियां उन्हें 100 फीसदी की जगह 50-70 फीसदी ही सामान्य तेल की आपूर्ति कर रही हैं। इधर, दिल्ली में पेट्रोल व डीजल पर बिक्री कर कम नहीं होने के कारण पेट्रोल व डीजल की बिक्री में 20-35 फीसदी की गिरावट हो गयी है।
इन मसलों को लेकर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को केंद्रीय मंत्री प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करने वाला है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों के मुताबिक वे यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात करने की कोशिश कर रहे हैं। ऑल इंडिया पेट्रोलियम ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल पेशावरिया कहते हैं, ‘प्रीमियम तेल के मसले पर परेशानी यह है कि कुछ भी लिखित में नहीं है। हर तेल कंपनी अपने-अपने हिसाब से प्रीमियम बेचने को कह रहा है।
सुनने में आया है कि मुंबई में प्रीमियम के संबंध में लिखित नियम जारी होने वाला है।’ दिल्ली के पेट्रोल पंप मालिकों के मुताबिक उन्हें लगभग 40-50 फीसदी तक प्रीमियम पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति की जा रही है। हालांकि इस प्रकार की आपूर्ति पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ने से पहले ही शुरू हो चुकी थी। लेकिन अब देश के लगभग हर बड़े शहरों में प्रीमियम की बाध्यता कर दी गयी है।
मध्य प्रदेश के पंप डीलरों ने इसकी शिकायत राज्य के नागरिक आपूर्ति विभाग से भी की है। दिल्ली पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के मुताबिक बिक्री कर में कमी के कारण हरियाणा में दिल्ली के मुकाबले डीजल 1.25 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया है। हरियाणा की सीमा से लगे दिल्ली के पेट्रोल पंपों की बिक्री में 35 फीसदी की गिरावट हो गयी है तो अन्य पंपों की बिक्री में 20 फीसदी तक की कमी आयी है।
पेशावरिया कहते हैं, ‘कोई भी ट्रक मालिक दिल्ली में सिर्फ उतना ही डीजल लेना चाहेगा जितने में उसका ट्रक दिल्ली की सीमा को पार कर जाए। एक ट्रक अगर महीने में 4 बार 1000 लीटर पेट्रोल डलवाता है तो 4000 रुपये से अधिक का फर्क होता है। अगर ट्रक मालिक के पास 5 ट्रक है तो यह फर्क प्रतिमाह 20000 रुपये से अधिक का हो जाता है।’