जून में तेल की कीमत में बढ़ोतरी होने के बाद लगभग सभी तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल पंपों पर सिर्फ प्रीमियम पेट्रोल और डीजल ही बेचना शुरू कर दिया है।
साधारण पेट्रोल नहीं मिलने के कारण लोग भी प्रीमियम पेट्रोल का इस्तेमाल कर रहे हैं। बावजूद इसके प्रीमियम पेट्रोल-डीजल की बिक्री में करीब 20 फीसदी की कमी आई है। वजह-ब्रांडेड ईंधन की कीमत साधारण पेट्रोल और डीजल के मुकाबले प्रति लीटर 4 रुपये ज्यादा होना है।
हालांकि इसकी बिक्री से इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रालियम कॉर्पोरेशन (एचपीसीएल) जैसी सरकारी तेल विपणन कंपनियों के नुकसान में भी कमी आई है। जून में कीमतों में बढ़ोतरी के बाद तेल कंपनियों की कुल कमाई में प्रीमियम तेल की हिस्सेदारी 35 फीसदी से घटकर 27 फीसदी हो गई है। प्रीमियम ईंधनों की कीमत साधारण पेट्रोल और डीजल की तरह सरकार तय नहीं करती है।
देश की कुल खपत का लगभग 50 फीसदी ईंधन की आपूर्ति करने वाली आईओसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘प्रीमियम ईंधन की कीमत ज्यादा होने से ईंधन की खपत में कमी आई है।’ सब्सिडी दर पर पेट्रोल, डीजल, केरोसिन और कुकिंग गैस बेचने से आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को रोजाना लगभग 820 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। पेट्रोल और डीजल की मांग हर महीने 15 फीसदी की दर से बढ़ रही है, जिस कारण इन कंपनियों का खुदरा बिक्री घाटा भी लगातार बढ़ रहा है।
इन कंपनियों को प्रति लीटर डीजल की बिक्री पर 28 रुपये और प्रति लीटर पेट्रोल की बिक्री पर 17 रुपये का नुकसान होता है। देश में जून के महीने में लगभग 107 लाख टन डीजल और लगभग 22 लाख टन पेट्रोल की खपत हुई थी। प्रीमियम ईंधन की कीमत ज्यादा होने के कारण पेट्रोल और डीजल की बिक्री से होने वाले नुकसान में 5 रुपये प्रति लीटर की कमी आई है। देश की कुल खपत का लगभग एक चौथाई आपूर्ति करने वाली भारत पेट्रोलियम के प्रबंध निदेशक एस राधाकृ ष्णन ने कहा, ‘हमने सोचा था कि तेल की कीमत में बढ़ोतरी होने से इसकी मांग में भी कमी आएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।’
डीजल की बढ़ती मांग और सीमित संसाधनों के कारण मांग के बराबर आपूर्ति नहीं हो पा रही है। पिछले 6 महीनों में डीजल की मांग में लगभग 25 फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि सरकारी कंपनियां मांग में 15 फीसदी बढ़ोतरी के लिए ही आपूर्ति कर सकती हैं। आईओसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सार्थक बेहुरिया ने कहा, ‘कई राज्यों में बिजली की कमी के कारण जेनरेटरों का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है। इससे भी ईंधन की मांग में जबरदस्त इजाफा हुआ है।’
प्रीमियम पेट्रोल-डीजल की बिक्री में 20 फीसदी की कमी
कंपनियों का खुदरा बिक्री घाटा नहीं हो रहा कम