प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विश्व के पहले डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कटेनर ट्रेन को हरियाणा के न्यू अटेली से राजस्थान के न्यू किशनगढ़ तक के लिए के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने पश्चिमी समर्पित मालवहन गलियारा (डब्ल्यूडीएफसी) के 306 किलोमीटर लंबे रेवाड़ी-मदार खंड का भी लोकार्पण किया।
इस अवसर पर बोलते हुए मोदी ने कहा कि समर्पित मालवहन गलियारा के न्यू भाऊपुर से न्यू खुर्जा खंड चालू हो जाने से उस खंड पर मालगाड़ी की औसत गति तीन गुनी हो गई है।
रेल मंत्रालय के एक वक्तव्य में कहा गया है कि एक ट्रेन में 360 दस फुट के कंटेनर के तुल्य इकाई लगे हुए हैं जो कि 270 उच्च क्षमता वाले सड़क ट्रेलर ट्रकों के बराबर हैं।
मोदी ने कहा कि पश्चिमी मालवहन गलियारा के आरंभ हो जाने से हरियाणा और राजस्थान में खेती और इससे जुड़े व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही महेंद्रगढ़, जयपुर, अजमेर, सीकर जैसे शहरों को नई ऊर्जा मिलेगी।
उन्होंने पटरी को ब्रॉड गेज में बदलने और विद्युतीकरण में निवेश को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे ट्रेनों की गति को बढ़ाने में मदद मिली है। उन्होंने सेमी हाई स्पीड ट्रेनों, पटरी बिछाने के लिए आधुनिक तकनीक का जिक्र किया और उम्मीद जताई कि पूर्वोत्तर के हरेक राज्य की राजधानी को शीघ्र ही रेलवे से जोड़ा जाएगा।
फिलहाल डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया 1,506 किलोमीटर लंबे पश्चिमी डीएफसी और 1,875 किलोमीटर लंबे पूर्वी डीएफसी का निर्माण कर रहा है। पूर्वी डीएफसी पंजाब में लुधियाना के समीप साहनेवाल से शुरू होता है जो पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से गुजरते हुए पश्चिम बंगाल के दनकुनी में समाप्त होता है।
पश्चिमी गलियारा उत्तर प्रदेश में दादरी को मुंबई में जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह (जेएनपीटी) से जोड़ता है। इस गलियारे में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र को शामिल किया जाएगा।
उम्मीद है कि इन मार्गों पर मालगाडिय़ों की अधिकतम गति 100 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी जो भारतीय रेल के मौजूदा पटरियों पर 75 किलोमीटर प्रति घंटा है। मालगाडिय़ों की औसत गति भी समर्पित मालवहन गलियारों पर 70 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी जो रेलवे लाइनों पर 26 किलोमीटर प्रति घंटा है।
