औषधि निर्माता कंपनी फाइजर का कहना है कि उसका कोविड-19 टीका 95 फीसदी तक सफल साबित हुआ है। कंपनी के मुताबिक उसने जिन 43,000 से अधिक लोगों पर कोविड-19 टीके का परीक्षण किया उनमें से 170 में कोविड के मामले सामने आए। इनमें से केवल आठ लोग ऐसे थे जिन्हें प्लसीबो (प्रायोगिक दवा) के बजाय वास्तविक टीका लगाया गया था। यानी टीका 95 प्रतिशत सफल रहा है। जिन 10 लोगों में कोविड-19 के गंभीर लक्षण प्रकट हुए उनमें केवल एक को टीका लगाया गया था।
फाइजर ने उम्मीद जताई कि अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीका सलाहकार समिति दिसंबर में आयोजित बैठक में इन आंकड़ों पर चर्चा और इनकी समीक्षा करेगी। फाइजर के मुख्य कार्याधिकारी अलबर्ट बोर्ला ने कहा, ‘हम विज्ञान की गति से ही आगे बढ़ रहे हैं।’ महज एक सप्ताह पहले आए आरंभिक परिणाम में कहा गया था कि जर्मन साझेदार बायोनटेक एसई के साथ मिलकर बनाया जा रहा यह टीका 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावी है। सोमवार को मॉडर्ना इंक ने भी आरंभिक आंकड़े जारी करते हुए कहा था कि उसका टीका 94.5 प्रतिशत कारगर है।
न्यू मेसेंजर आरएनए (एमआरएनए) तकनीक से विकसित दोनों टीकों के नतीजे अनुमान से बेहतर हैं और इससे यह आशा जगी है कि आखिरकार हमें उस महामारी से निजात मिल सकती है जिसने 13 लाख से अधिक लोगों की जान ले ली और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं और आम जिंदगियों को तहस-नहस कर दिया।
हालांकि अमेरिका में टीकाकरण में स्वास्थ्य कर्मियों तथा कुछ अन्य समूहों को प्राथमिकता दी जाएगी और इसका व्यापक उत्पादन होने में कुछ महीनों का समय लगेगा। फाइजर के टीके का वितरण एक मुश्किल काम है क्योंकि इसे शून्य से 70 डिग्री सेल्सियस तक नीचे अत्यधिक ठंडे तापमान पर भंडारित करना जरूरी है। इसे सामान्य रेफ्रिजरेटर में अधिकतम पांच दिन तक रखा जा सकता है। वहीं थर्मल शिपिंग बॉक्स में यह 15 दिन रह सकता है।
फाइजर ने कहा कि उसका टीका विभिन्न आयु वर्ग और जातीय समूह के लोगों में एक समान नतीजे देने में सफल रहा है। इससे यह तय है कि दुनिया के बड़े हिस्से में एक साथ टीकाकरण शुरू हो सकता है। 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोग जिनके लिए वायरस अधिक जोखिम भरा है, उन पर टीका 94 प्रतिशत तक प्रभावी रहा है। कंपनी ने कहा कि इस टीके की दो खुराक लेनी होंगी और इसके दुष्प्रभाव बहुत सीमित हैं और शीघ्र दूर हो जाते हैं। टीका लगवाने वालों में 2 फीसदी से अधिक लोगों को थकान का अनुभव हुआ जबकि दूसरी खुराक के बाद 3.7 फीसदी लोगों को इसका अनुभव हुआ। फाइजर की इस खबर के बाद शेयर बाजारों में भी तेजी देखने को मिली।
कोल्ड चेन की दिक्कत
अमेरिका की दवा कंपनी फाइजर ने कहा कि कंपनी भारत में कोविड-19 टीका उपलब्ध कराने की संभावनाएं तलाश रही है। कंपनी ने कहा कि यह भारत सरकार के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने और देश में टीके की उपलब्धता के मौके का लगाने के लिए प्रतिबद्ध है। फाइजर अमेरिकी परीक्षणों के डेटा जल्द ही भारतीय नियामक को जमा करेगा या नहीं इसकी जानकारी अभी नहीं मिली है। कंपनी को भेजे गए सवालों के जवाब नहीं मिल पाए हैं। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) और टीके से जुड़ी समिति के अध्यक्ष वी के पॉल ने कहा, ‘हमारी जानकारी के मुताबिक केवल एक ही टीका है जो (-)70 से (-)80 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखा जाना चाहिए और इसका निर्माण बड़े पैमाने पर करना सभी देशों के लिए मुश्किल हो जाएगा। हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं क्योंकि फाइजर का टीका कुछ महीनों तक उपलब्ध नहीं होगा।’ पॉल ने कहा कि अन्य पांच टीकों के साथ ज्यादा चुनौतियां नहीं हैं और इनके जरिये देश की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त खुराक उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा, ‘अगर केवल फाइजर का ही टीका आएगा तब हमें अपनी रणनीति इसके मुताबिक बनानी होगी।’
इस बीच चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और चीन के अधिकारी कोविड-19 टीके के विकास के लिए सहयोग के तौर तरीकों पर चर्चा करेंगे जिसकी पेशकश राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान की थी। चिनफिंग ने कहा था कि चीनी कंपनियां टीकों के परीक्षण पर रूस और ब्राजील के साथ काम कर रही हैं।
