सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) और भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स (बीएचईएल) निजी ट्रेन चलाने के लिए साझेदारी को लेकर बातचीत कर रही हैं। इस बारे में जानकारी रखने वाले अधिकारियों के मुताबिक ये दोनों पीएसयू उन मार्गों पर यात्री ट्रेन चलाने के लिए विशेष उद्देश्य कंपनी (एसपीवी) बनाने की योजना बना रही हैं, जहां आईआरसीटीसी ने भारतीय रेलवे की तरफ से जारी निविदा में बोली लगाई है।
अधिकारी ने कहा, ‘बीएचईएल निजी रेल सेवा के लिए जरूरी धन लगाएगी, जबकि आईआरसीटीसी परिचालन जरूरतों पर ध्यान देगी।’ उन्होंने कहा, ‘आईआरसीटीसी का कारोबारी मॉडल पूंजीगत व्यय केंद्रित नहीं रहा है। इसने केवल परिचालन को बेहतर बनाने की क्षमता बनाई है।’
यात्री ट्रेन परिचालन में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के लिए बोलियां जुलाई 2021 में खोली गई थीं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘रेल मंत्रालय को करीब 40 डिब्बों वाली 29 जोड़ी ट्रेन चलाने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों से बोलियां मिली हैं, जिनमें करीब 7,200 करोड़ रुपये का निवेश होगा। मंत्रालय जल्द मूल्यांकन पूरा करेगा और बोलियों पर फैसला लेगा।’ रेल मंत्रालय ने बोलियों के लिए 12 क्लस्टरों की पेशकश की है, लेकिन केवल तीन के लिए बोलियां आई हैं। मेघा इंजीनियरिंग ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर और आईआरसीटीसी ऐसी केवल दो बोलीदाता हैं, जिन्होंने बोली के चरण में हिस्सा लिया।
पिछले साल अक्टूबर में एलऐंडटी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स, आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स, जीएमआर हाईवेज, बीएचईएल और आईआरसीटीसी उन कंपनियों की सूची में शामिल थीं, जिन्होंने यात्री ट्रेन सेवा के परिचालन में निजी भागीदारी के लिए रुचि दिखाई थी। स्पेन की कंस्ट्रूसियोनेस वाई ऑक्जीलियर डी फैरोकेरिलेस उन कंपनियों की फेहरिस्त में शामिल थी, जिन्होंने रेल मंत्रालय की रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन (आरएफक्यू) में हिस्सा लिया था।
यह आरएफक्यू 12 से अधिक क्लस्टरों में 151 आधुनिक ट्रेनों के जरिये यात्री ट्रेन सेवाओं के परिचालन में निजी भागीदारी के लिए था। इन क्लस्टरों में मार्गों के 140 प्रस्थान गंतव्य जोड़े थे। इसका मकसद नेटवर्क में चलने वाली अच्छी ट्रेनों की संख्या बढ़ाना था। सभी 12 क्लस्टरों के लिए 15 आवेदक कंपनियों से कुल 120 आवेदन मिले।
रेलवे का अनुमान था कि अगर सभी क्लस्टरों के लिए बोलिया मिलीं तो करीब 30,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा। लेकिन केवल आईआरसीटीसी और मेघा इंजीनियरिंग ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर ने बोलियां लगाईं।
