कानपुर : कैंट इलाके में एक लावारिस स्कूटर मिलने से सोमवार को यहां हड़कंप मच गया जबकि मंगलवार को ग्लोबल शॉपिंग मॉल को उड़ाने की धमकी की खबर से भी पुलिस के हाथ-पांव फूल गए थे।
शहर में अफवाहों का बाजार गर्म है। सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
इलाहाबाद: पुलिस ने ‘संदिग्ध दिखने वाले’ एक बांग्लादेशी को रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया है। पूछताछ के आधार पर पुलिस ने पुराने शहर के कई स्थानों पर छापे मारे।
‘दक्षिण’
बेंगलुरू: आतंक की गूंज थमने का नाम नहीं ले रही। दो फोन कॉल्स के जरिए एक स्कूल और एक जूनियर कॉलेज के इर्द-गिर्द बम लगाए जाने की सूचना मिलने पर शहर में तलाशी अभियान चलाया गया। दोनों फोन कॉल अफवाह निकलीं।
चेन्नई: तमिलनाडु में 15 अगस्त को बम हमलों की कथित योजना के लिए संदिग्ध अब्दुल गफूर की गिरफ्तारी के बाद यहां पुलिस ने पूछताछ के लिए दो और लोगों को हिरासत में लिया है। इसके अलावा, अफवाह फैलाने वाले एसएमएस भेजने के लिए पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
कोच्चि :पुलिस ने फर्जी कॉल करने के लिए एक युवक को गिरफ्तार किया, जिसने चेतावनी दी थी कि शहर के एक होटल में एक बम रखा गया है।
‘पूरब’
कोलकाता : कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) मुख्यालय को दो बार फोन पर सूचना मिली कि वहां बम रख दिया गया है, जो दोपहर के समय फटेगा लेकिन बाद में यह अफवाह साबित हुई।
‘पश्चिम’
अहमदाबाद : यहां हुए सीरियल बम धमाकों के दो दिनों बाद भी समूचे गुजरात में इसकी गूंज बदस्तूर सुनाई दे रही है। इसके चलते राज्यभर में हाई अलर्ट है। आंतकवादियों का पता लगाने के लिए बड़ा अभियान छेड़ा गया है।
सूरत : यहां विस्फोटकों से लदी दो कारों के मिलने के मामले में पूछताछ के लिए कई लोगों को हिरासत में लिया गया है।
इंदौर: इंदौर के एक निजी मेडिकल कॉलेज में बम रखा होने की खबर देकर सनसनी फैलाने के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया।
मुंबई : अगला निशाना देश की आर्थिक राजधानी मुंबई और यहां स्थित शेयर बाजार को बनाने की धमकी के चलते यहां भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। अहमदाबाद में 26 जुलाई को हुए विस्फोटों से ऐन पांच मिनट पहले इसी शहर से ई-मेल आने की जांच के लिए कई जगह छापेमारी भी चलती ही रही।
धमाकों – धमकियों से कम, अफवाहों से ज्यादा दहला देश
बेंगलुरू और अहमदाबाद तो आतंक के काले पंजों की चपेट में आ गए। सूरत बाल-बाल बचा। इंदौर, मुंबई, दिल्ली और न जाने-जाने किन-किन शहरों-लोगों को अपने पंजों में समेट लेने की आतंकी धमकियों का मकसद था, देशभर में दहशत का आलम हो जाए। दुखद तो यह है कि ढेरों ऐसे खुराफाती लोग भी पकड़े जा रहे हैं, जो इस आग में न जाने क्यों बेवजह अफवाह की रोटी सेंकने में लगे हैं। शायद वे नहीं जानते कि बम धमाके करके आतंकी, जो मकसद इस देश की बहादुर जनता के चलते शायद कभी पूरा न कर पाएं, उसे वे अपने कायराना कृत्य से पूरा कर रहे हैं।