देश में ओटीटी (ओवर द टॉप) दर्शकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ओटीटी के लिहाज से मासिक 97 लाख दर्शकों के साथ दिल्ली शीर्ष पर है। मुंबई में ओटीटी दर्शकों की संख्या करीब 93 लाख और बेंगलूरु में 87 लाख ओटीटी दर्शक हैं। ऑरमैक्स ओटीटी ऑडियंस रिपोर्ट, 2021 के अनुसार देश भर में कुल 35.3 करोड़ मासिक ओटीटी दर्शक हैं जिनमें से इन तीन महानगरों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 8 फीसदी है। भारत में पहली बार वीडियो स्ट्रीमिंग के दर्शकों का आकलन किया गया है। इससे पता चलता है कि पिछले एक महीने में कितने लोगों ने कम से कम एक बार ओटीटी पर वीडियो देखा है। मुंबई की कंसल्टिंग फर्म ऑरमैक्स मीडिया ने देश भर में मई से जुलाई 2021 के बीच 12,000 लोगों के नमूनों का सर्वेक्षण किया है।
ऑनलाइन ड्रामा और सीरीज देखने का चलन सबसे अधिक है और भारत में 60 से अधिक ओटीटी इस क्षेत्र में हैं। 2018 में ओटीटी की आय 5,500 करोड़ रुपये थी जो 2020 में दोगुना बढ़कर 10,700 करोड़ रुपये हो गई। यह रिपोर्ट अगले हफ्ते जारी होगी लेकिन बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ इसे पहले ही साझा किया गया है। अनुमान के अनुसार 4.07 करोड़ ओटीटी दर्शक ऐसे हैं जो वीडियो-ऑन-डिमांड सबस्क्रिप्शन (एसवीओडी) के लिए भुगतान करते हैं। लेकिन भुगतान पर वीडियो देखने वाले दर्शक केवल यही नहीं हैं। गैर-भुगतान खंड में भुगतान आधारित वीडियो का भी दर्शकों ने अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के लिए सबस्क्रिप्शन लिया हुआ है। कुल मिलाकर ऐसे सबस्क्रिप्शन का आकार करीब 6.98 करोड़ है। देश के कुल ओटीटी दर्शकों में इनकी हिस्सेदारी करीब 31 फीसदी है।
ऑरमैक्स मीडिया के मुख्य कार्याधिकारी शैलेश कपूर ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में पूरा उद्योग एसवीओडी और एवीओडी (विज्ञापन वीडियो ऑन-डिमांड) के बारे में बात करता रहा है।’ यह रिपोर्ट का पहला दिलचस्प पहलू है।
दूसरा पहलू थोड़ा भ्रमित करने वाला लेकिन दिलचस्प है। भारतीय ओटीटी सबस्क्राइबर औसतन 2.4 ब्रांडों के लिए भुगतान करते हैं। ऐसे में भुगतान करने वाले कुल दर्शकों की संख्या 9.6 करोड़ हो जाती है। इसे सिनेमाघरों में जाने वालों की तरह देखना चाहिए। 2019 में भारत में एक अरब से ज्यादा टिकट की बिक्री हुई थी। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि एक अरब लोगों ने फिल्म देखी है। सिनेमा देखने जाने वाले दर्शक साल में औसत 3 से 4 टिकट खरीदते हैं यानी वे 3 से चार बार फिल्म देखने जाते हैं।
रिपोर्ट से तीसरी बात जो निकल कर सामने आई है वह जनसंख्या विभाजन है। रिपोर्ट ने ओटीटी क्षेत्र को चार खंडों में बांटा है। ओटीटी पर भुगतान करने वाले सबस्क्राइबर (11.7 फीसदी), बिना भुगतान वाले ओटीटी ग्राहक जो भुगतान वाली सामग्री देखते हैं (19.8 फीसदी), विज्ञापन के साथ आने वाली सामग्री देखने वाले ग्राहक (44.9 फीसदी) और ऐसे दर्शक जो केवल यूट्यूब और सोशल मीडिया पर वीडियो देखते हैं (23.8 फीसदी)।
सभी चार खंडों में पुरुष और शहरी दर्शक ज्यादा हैं, जो एसवीओडी सामग्री ज्यादा देखते हैं। इसके विपरीत एवीओडी और यूट्यूब और सोशल मीडिया खंड में ग्रामीण भारत में 10 लाख से कम आबादी देखती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा एसवीओडी दर्शक हैं। उसके बाद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना का स्थान आता है और फिर उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड में भुगतान करने वाले ग्राहक ज्यादा हैं। रिपोर्ट के अनुसार 22 से 30 आयु वर्ग की आबादी भुगतान करने वालों में आगे हैं।