कोरोनावायरस का नया स्वरूप ओमीक्रोन भारत भी पहुंच गया है। यहां दो मामलों में ओमीक्रोन की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम ने कर्नाटक में दो मामलों का पता लगाया है, लेकिन घबराने की नहीं बल्कि टीकाकरण में और तेजी लाने की जरूरत है। बूस्टर डोज की मांग और ओमीक्रोन के संक्रमण के मद्देनजर सरकार ने कहा कि उसकी प्राथमिकता सभी वयस्कों को टीके की दो खुराक सुनिश्चित करने की है।
नीति आयोग के सदस्य-स्वास्थ्य वी के पॉल ने कहा, ‘डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। हम इस परिस्थिति से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं…लोगों को सुरक्षित करने के लिए टीकाकरण सबसे महत्त्वपूर्ण उपाय है।’
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक तकरीबन 12 करोड़ लाभार्थियों को अब भी टीके की दूसरी खुराक लगनी बाकी है, जबकि 84 फीसदी पात्र लाभार्थियों को एक खुराक और 49 फीसदी को दोनों खुराक दी जा चुकी हैं।
पहले से उपलब्ध तीन टीके में एक और टीका शामिल हो गया है। केंद्र सरकार ने आज कहा कि जायकोव-डी टीका शुरुआत में सात राज्यों में उपलब्ध होगा। ओमीक्रोन के डर से पिछले सात दिनों से टीकाकरण में तेजी आई है और ज्यादा से ज्यादा लोग टीका लगवा रहे हैं। 36 में से 24 राज्यों में पिछले हफ्ते से टीकाकरण में तेजी आई है। बूस्टर डोज को मंजूरी देने के लिए अगले हफ्ते की बैठक में चर्चा की जा सकती है।
पॉल ने कहा कि सरकार की समितियों के बीच बूस्टर डोज पर वैज्ञानिक शोध और बच्चों के टीके पर चर्चा की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने गोपनीयता की वजह से ओमीक्रोन संक्रमितों के मूल देश और उन्हें कहां से संक्रमण हुआ इसका विवरण नहीं दिया है। सूत्रों के अनुसार दो में से एक शख्स दक्षिण अफ्रीका से आया था।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, ‘दुनिया भर में ओमीक्रोन के मामलों में गंभीर लक्षण नहीं देखे गए हैं।’
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रोकने पर विचार करने के बारे में अग्रवाल ने कहा कि वायरस को लेकर अभी कई सारी बातें पता नहीं हैं। जोखिम का अध्ययन करने के बाद निर्णय लिया जाएगा।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि मृत वायरस आधारित टीके जैसे कोवैक्सीन में एंटीजन की व्यापक मौजूदगी हो सकती है और यह नए स्वरूप पर प्रभावी हो सकता है। हालांकि जब तक वायरस को अलग कर कल्चर नहीं किया जाता और प्रयोगशाला में टीके की प्रभाविता का परीक्षण नहीं होता तब तक यह कहा नहीं जा सकता कि कौन टीका ज्यादा असरदार है। भारत में 66 वर्ष और 46 वर्ष के दो पुरुषों में ओमीक्रोन संक्रमण का पता चला है। उनके प्राथमिक और द्वितीयक संपर्कों का पता लगाया गया है और जांच की गई है। दुनिया भर में अब तक ओमीक्रोन का संक्रमण 29 देशों में फैल चुका है और इसके संक्रमितों की संख्या 373 हो गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार शुरुआती आंकड़ों से पता चला था कि ओमीक्रोन में संक्रमण की दर अधिक है।
