बेंगलूरु के कार्यालय बाजार में अगले साल किराया बढऩे के आसार हैं, जबकि मुंबई और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में स्थिर रहने की संभावना है।
नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारत के मुख्य कार्यालय बाजारों के लिए सकारात्मक रुझान 2020 की जुलाई-सितंबर अवधि में बना है। इस अवधि में कार्यालय स्थान की मांग फिर लौटी है, लेकिन यह अभी भी कोविड से पहले के मुकाबले कम है। विशेष रूप से बेंगलूरु इस लिहाज से फायदेमंद स्थिति में है कि वहां इस समय कम कार्यालय स्थान खाली हैं, इसलिए आने वाले समय में तैयार होने वाले कार्यालय खप जाएंगे। यह शहर इस लिहाज से भी फायदेमंद स्थिति में है कि यहां वैश्विक बाजारों की तुलना में किराया कम है और प्रतिभाओं की भरपूर उपलब्धता है। इन वजहों से इस बाजार को जल्द सुधार हासिल करने में मदद मिलेगी क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं सामान्य स्थितियों की तरफ बढ़ रही हैं।’
रिपोर्ट के मुताबिक एशिया-प्रशांत में मुख्य जगहों पर कार्यालयों के किराये वर्ष 2021 में तीन फीसदी तक घटने के आसार हैं। एशिया प्रशांत पूंजी बाजार पूर्वानुमान के लिहाज से मुंबई, एनसीआर और बेंगलूरु में कार्यालय और वेयरहाउस खंड में वाणिज्यिक प्रतिफल 2021 में स्थिर रहने के आसार हैं। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में व्यावसायिक लेनदेन की मात्रा में औद्योगिक निवेश का हिस्सा 2020 में 50 फीसदी बढ़ा है और इसमें 2021 में भी अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद है क्योंकि निवेशक लगातार ई-कॉमर्स की वृद्धि के रथ पर सवार हो रहे हैं।
इस साल वेयरहाउस की मांग चुनौतीपूर्ण हालात के बावजूद ठीक रही है, जिसमें सालाना आधार पर केवल 11 फीसदी गिरावट आई है। हालांकि वित्त वर्ष 2017 से वित्त वर्ष 2020 के बीच इसमें 44 फीसदी चक्रवृद्धि सालाना वृद्धि दर दर्ज की गई थी। इस समय महामारी का दौर है। इसके बावजूद भारतीय वेयरहाउस क्षेत्र तुलनात्मक रूप से कम प्रभावित होने के आसार हैं। इसकी वजह यह है कि ई-कॉमर्स क्षेत्र की वेयरहाउस मांग बढ़ रही है।
ई-कॉमर्स क्षेत्र वर्ष 2019 में 70 अरब डॉलर का था, जो वर्ष 2022 में 160 अरब डॉलर का होने का अनुमान है।
